कोलकाता, 03 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी के उम्मीदवारों ने शुक्रवार को ‘विकास भवन’ के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। वे 2016 की राज्य स्तरीय चयन परीक्षा पास करने के बावजूद अब तक नियुक्ति न मिलने से नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कानूनी अड़चनों के कारण वर्षों से उनकी नौकरी अधर में लटकी हुई है और अब वे जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं।
2016 की एसएलएसटी परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जबकि केवल 25 हजार से अधिक पद ही रिक्त थे। इनमें से 25 हजार 753 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे, लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट ने पिछले साल अप्रैल में इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और मामले की सुनवाई के आदेश दिए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में योग्य उम्मीदवारों का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। एक प्रदर्शनकारी उज्ज्वल सामंता ने कहा, हमने परीक्षा पास की, फिर भी नौकरी नहीं मिल रही। कितने महीने और इंतजार करें? अनिश्चितता खत्म होनी चाहिए, हम जल्द से जल्द नियुक्ति चाहते हैं।
प्रदर्शन में शामिल मीनाक्षी धारा ने आरोप लगाया कि कुछ उम्मीदवारों पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे, लेकिन सभी 25 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को बिना किसी ठोस आधार के नौकरी से वंचित कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि यदि कुछ लोगों ने अनियमितता की होगी, तो सभी को सजा क्यों दी जा रही है?
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प्रदर्शन के दौरान मुंडन भी किया
प्रदर्शनकारी करुणामयी क्रॉसिंग से विकास भवन की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। हालांकि, छह प्रतिनिधियों को शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गई। प्रदर्शन के दौरान एक अभ्यर्थी ने नाराजगी जताते हुए सिर मुंडवा लिया, जो उनके गुस्से और हताशा को दर्शाता है।
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सरकार ने क्या कहा ?
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और सरकार न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ही आगे बढ़ेगी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई इसी महीने करेगा।
इसी मुद्दे पर एक अन्य समूह ने एस्प्लेनेड इलाके में भी प्रदर्शन किया, जिससे कुछ समय के लिए वाहनों की आवाजाही बाधित रही।
कानूनी अड़चनों और लंबे इंतजार से हताश इन अभ्यर्थियों की मांग है कि अब जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि वे अपनी नौकरी ज्वाइन कर सकें और अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर