Uttar Pradesh

आईआईटी बीएचयू के शोधकर्ताओं का अभिनव शोध, आलू के छिलके से बनाई जैविक एथेनॉल

शोधकर्ताओं का अभिनव शोध

—भविष्य में ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण

वाराणसी,02 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) के शोधकर्ताओं ने एक अभिनव शोध किया है। शोध टीम ने आलू के छिलके के अपशिष्ट से जैविक एथेनॉल उत्पादन में सफलता पाई है। यह अपशिष्ट से संपत्ति की पहल न केवल खाद्य अपशिष्ट को कम करने के लिए एक मार्ग प्रस्तुत करती है, बल्कि भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान भी करती है। यह शोध स्कूल ऑफ बायोकैमिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक सुरेश धोबले, एम.टेक. छात्र उन्नति गुप्ता ने किया है।

शोध टीम आलू के छिलके के अपशिष्ट का उपयोग जैविक एथेनॉल उत्पादन के लिए एक कच्चे माल के रूप में करने की संभावना की खोज कर रहे हैं। जैविक एथेनॉल, एक नवीनीकरणीय बायोफ्यूल, देश के कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने और स्वच्छ, टिकाऊ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अभिनव प्रक्रिया खाद्य अपशिष्ट की समस्या और टिकाऊ ईंधन स्रोतों की बढ़ती आवश्यकता दोनों का समाधान करती है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने डॉ. अभिषेक सुरेश धोबले और उनकी टीम को इस अभिनव पहल के लिए बधाई दी है।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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