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नई दिल्ली, 02 जनवरी (Udaipur Kiran) । बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों के रजिस्ट्रेशन की फीस 750 रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई 2024 को आदेश दिया था कि बीसीआई वकीलों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक्ट में दिये गए प्रावधान से ज्यादा रकम नहीं वसूल सकती है।
आज सुनवाई के दौरान बीसीआई की ओर से मांग की गई कि कोर्ट केंद्र सरकार को एडवोकेट एक्ट में संशोधन करने के लिए कदम उठाने का दिशा-निर्देश जारी करे। सुनवाई के दौरान बीसीआई ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि वो वकीलों के रजिस्ट्रेशन की फीस वाले प्रावधान में संशोधन की मांग करना चाहते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट क्या कर सकती है। कानून में संशोधन को संसद करेगी। आप सरकार के पास जाइए। तब बीसीआई ने कहा कि उसने विधि और कानून मंत्रालय को इस संबंध में प्रतिवेदन दिया है। तब कोर्ट ने कहा कि ये दुखद है कि बीसीआई कोर्ट से किसी राहत की मांग कर रही है। बीसीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि दो बार संशोधन होने के बाद बीसीआई की फीस सामान्य वर्ग के लिए 750 रुपये और एससी-एसटी वर्ग के लिए 125 रुपये की गई थी, लेकिन इस फीस से बार काउंसिल का खर्च चला पाना काफी मुश्किल काम है। इससे बार काउंसिल का काम मृतप्राय हो जाएगा।
इससे पहले 30 जुलाई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्यों के बार काउंसिल वकीलों के रजिस्ट्रेशन फीस के रुप में हजारों रुपये नहीं वसूल सकते हैं। तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि एडवोकेट एक्ट के मुताबिक वकीलों से उनके रजिस्ट्रेशन के लिए सामान्य वर्ग के लिए 750 रुपये और एससी-एसटी वर्ग के लिए 125 रुपये हैं। ऐसे में बार काउंसिल इससे ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस नहीं वसूल सकता है।
(Udaipur Kiran) /संजय———–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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