वन विभाग और गुजरात की बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी करेगी आयोजन
जामनगर/अहमदाबाद, 2 जनवरी (Udaipur Kiran) | तटीय और समुद्री पक्षियों का स्वर्ग कहलाने वाले जामनगर के समुद्री राष्ट्रीय उद्यान अभयारण्य में 3 से 5 जनवरी तक तटीय और समुद्री पक्षी की पहली जनगणना हाेगी। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन वन एवं वन्य जीव क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञ अपनी जानकारी देंगे। दूसरे दिन पक्षी गणना हाेगी। तीसरे दिन ज्ञान साझाकरण एवं कार्यक्रम का समापन होगा। इस कार्यक्रम में गुजरात सहित कई राज्यों के पक्षी प्रेमी, विशेषज्ञ और शोधकर्ता शामिल हाेंगे।
गुजरात अपनी जैव विविधता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलु बेरा तथा राज्य मंत्री मुकेश पटेल के नेतृत्व में वन विभाग ने पर्यावरण-जलीय संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। तटीय और समुद्री पक्षियाें की गणना कार्यक्रम राज्य का वन विभाग और गुजरात की बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी (बीसीएसजी) की संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।राज्य सरकार पक्षियों के संरक्षण एवं प्रजनन के लिए विभिन्न कार्य कर रही है। स्थानीय पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के साथ दुनियाभर से आने वाले प्रवासी पक्षियों की पहचान, उनकी संख्या आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वन विभाग पक्षियों की आबादी का आकलन भी वैज्ञानिक तरीके करता है। पक्षियों के उचित संरक्षण एवं प्रजनन के लिए निर्णय लिए जाते हैं।
इसके अलावा, नए पक्षी आवासों की पहचान, पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की उपस्थिति, उनकी संख्या, जनसंख्या घनत्व और प्रवास के लिए उपयुक्त समय के बारे में जानकारी जैसे विभिन्न पहलुओं को भी शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीसीएसजी पक्षियों के लिए काम करने वाला एक स्वैच्छिक संगठन है, जो पिछले 25 वर्ष से गुजरात में काम कर रहा है। पक्षी संरक्षण, गणना, अवलोकन और पक्षियों के पीछे के विज्ञान के बारे में जन जागरुकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता है।
गुजरात में समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और समुद्री अभयारण्य भारत का पहला घोषित समुद्री राष्ट्रीय उद्यान है। ओखा से नवलखी तक लगभग 170 किलोमीटर मैरीन नेशनल पार्क और मरीन सेंचुरी राज्य के तीन जिलों देवभूमि द्वारका, जामनगर और मोरबी में फैली हुई है और 42 द्वीपों से मिलकर बना है। समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और समुद्री अभयारण्य में शैवाल, समुद्री शैवाल, नीले, कठोर और नरम मूंगे, डॉल्फ़िन, कछुए, डुगोंग, पोर्पोइज़, केकड़े की विभिन्न प्रजातियां, पफ़रफ़िश, स्टारफ़िश, ब्रिटल स्टार, ऑक्टोपस के साथ-साथ चेर की विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं।
(Udaipur Kiran) / हर्ष शाह