धान खरीदी में लापरवाही पर होगी कठोर कार्यवाहीः कलेक्टर सक्सेना
जबलपुर, 1 जनवरी (Udaipur Kiran) । कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बुधवार को नए साल के पहले दिन जिले के सिहोरा, मंझौली, पाटन व शहपुरा क्षेत्रों का भ्रमण कर धान उपार्जन की व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान अपर कलेक्टर नाथूराम गौड, संयुक्त कलेक्टर पुष्पेन्द्र अहके, संबंधित क्षेत्र के एसडीएम व उपार्जन से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर सक्सेना ने सबसे पहले सिहोरा के शिव कृपा वेयरहाउस व खरीदी केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि बलराम पटेल के नॉन एफएक्यू धान, जिसे सर्वेयर ने भी पास नहीं किया है और वह बिना टेग के सरकारी बारदाने पर रखा है। साथ ही वजन भी कम है। इस पर कलेक्टर सक्सेना ने तत्काल संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि इसके लिए जांच दल गठित करें और बारीकी से जांच करें। उन्होंने समिति प्रबंधक से कहा कि इस लापरवाही को सुधारे अन्यथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि गीली धान को छोड़कर उपार्जित सूखी धान के एक्सेप्टेंस जारी हो जाये। केन्द्र में 591 किसानों से 38529.60 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जिसमें 34111.673 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है। इस केन्द्र में 57 प्रतिशत उपार्जित धान का एक्सेप्टेंस नोट जारी किया गया है।
कलेक्टर सक्सेना ने मंझौली के तलाड़ स्थित सेवा सहकारी संस्था लमकना के ज्योति वेयरहाउस का निरीक्षण किया। जिसमें शिवदयाल की धान रिजेक्ट व नॉन एफएक्यू पाया गया। कलेक्टर ने सहायक आपूर्ति नियंत्रक को कहा कि एफएक्यू धान ही खरीदा जाये। इस पर विशेष ध्यान दिया जाये। इसके लिए निगरानी टीम नियमित तौर पर खरीदी केन्द्र का निरीक्षण करें।
उन्होंने पाटन तहसील के सेवा सहकारी संस्था सकरा के बनवार स्थित सेठ गोविन्द वेयरहाउस का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होंने कहा कि एक-एक किसान की खरीदी का सत्यापन करें, जांच दल गठित करे और गहन जांच करें। शहपुरा तहसील के सेवा सहकारी संस्था पिपरियाकलां के बलराज वेयरहाउस के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वेयर हाउस में मिलर्स के धान है। अत: उन्होंने संबंधित अधिकारी से कहा कि मिलर्स धान का उठाव करें तथा उपार्जित धान का भी उठाव करें। जिससे स्वीकृति पत्र जारी हो और किसानों के भुगतान न रुके। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि उपार्जित धान को खुले मे न रखें, उसकी समुचित सुरक्षा का इंतजाम करें। कलेक्टर ने शहपुरा तहसील के ही वृहत्ता सेवा सहकारी संस्था बेलखेड़ा सहजपुर के खरीदी केन्द्र की जांच कर उपार्जन व्यवस्था को पारदर्शी, व्यवस्थित व उपार्जन नीति के अनुसार करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये।
11 उपार्जन केन्द्रों पर औसत 100 से 200 क्विंटल धान आने पर जांच के निर्देश
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में किसानों द्वारा धान विक्रय करने का औसत अनुपात 67 क्विंटल है, जबकि जबलपुर में यह अनुपात 76 क्विंटल है, जबकि पाटन, शहपुरा के 11 उपार्जन केन्द्रों में 100 से 200 क्विंटल आ रहा है जो संदिग्ध है। कलेक्टर ने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि हो सकता है इसके पीछे छोटे किसानों से सस्ती दर पर धान खरीदकर बड़े किसानों द्वारा इन केन्द्रों पर धान बेची गई हो, जो सीधे तौर पर व्यवसाय की श्रेणी में आता है। उन्होंने इस पर सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि जो किसान छोटे किसानों की धान खरीदकर व्यापार करते हैं, उन पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसके लिए उन्होंने टीम गठित कर सघन जांच करने के निर्देश दिये।
ऐसे खरीदी केन्द्र जहां औसत खरीदी से ज्यादा धान विक्रय के लिए आ रहा है उनमें अनमोल संकुल स्तरीय संगठन पाटन, सेवा सहकारी संस्था सरौंद क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था सहसन, सेवा सहकारी संस्था मुर्रई, सेवा सहकारी संस्था कटंगी, सेवा सहकारी संस्था कटराबेलखेड़ा, शहपुरा के सेवा सहकारी संस्था सहजपुर, सेवा सहकारी संस्था मनकेड़ी, सेवा सहकारी संस्था शहपुरा, सेवा सहकारी संस्था शहपुरा, क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था घुन्सौर, सहकारी विपणन संस्था शहपुरा, सेवा सहकारी संस्था बसेड़ी, सेवा सहकारी संस्था पिपरियाकलां, सेवा सहकारी संस्था बेलखेड़ा क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था बेलखेड़ा तथा सेवा सहकारी संस्था पिपरियाकलां क्रमांक-2 शामिल है।
(Udaipur Kiran) तोमर