उमरिया, 31 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिले भर नही पूरे प्रदेश के 8 सम्भाग में बेमौसम हुई भारी बारिश एवं उमरिया जिले में एनसीसीएफ की मनमानी के चलते धान परिवहन एवं भंडारण न होने के कारण हर खरीदी केंद्रों में भारी मात्रा में रखी धान भीगने के कारण 28 दिसम्बर को धान खरीदी संस्था एनसीसीएफ ने जिले के सभी 42 खरीदी प्रभारियों को पत्र जारी कर धान खराब होने का जिम्मेदार उनको ठहरा दिया जिसके चलते जिले भर के सभी सहकारी समितियों के प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी एक जुट होकर जिले के कलेक्टर को आवेदन देकर चेतावनी दी कि यदि हमको जिम्मेदार ठहराया गया तो हम लोग 2 जनवरी से धान खरीदी नही करेंगे।
इस मामले में सेवा सहकारी समिति मालाचुआ के प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी बालेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार जिले में उपार्जन के धान की खरीदी 2 दिसम्बर से होना था, लेकिन एनसीसीएफ संस्था द्वारा कोई तैयारी नही होने के कारण 6 दिसम्बर से धान की खरीदी चालू हुई और कुछ दिन तक एनसीसीएफ के सर्वेयर नही होने के कारण खरीदी प्रभावित हुई, उसके बाद जब उनके सर्वेयर आये तो किसानों से धान खरीदी हुई और 18 दिसम्बर तक परिवहनकर्ता से एग्रीमेंट नही करवाया गया जिसके कारण खरीदी केंद्रों में भारी स्टॉक हो गया, जबकि खरीदी नीति के तहत रेडी टू ट्रांसपोर्ट होने के बाद 72 घंटे के भीतर धान का परिवहन हो जाना चाहिए यदि ऐसा नहीं होता है तो जो क्षति होगी उसके लिए खरीदी एजेंसी जिम्मेदार होगी, लेकिन अपने जिले में कुछ उठाव मिलरों के द्वारा भी करवाया जाना है, लेकिन आज अभी तक मिलरों से इनका अनुबंध नही हुआ है जिसके कारण मिलर उठाव नही कर पा रहे हैं, परिवहनकर्ता 18 तारीख से उठाव शुरू किये जिसमें एक गाड़ी यहां एक गाड़ी वहां भेज करके दिखावा करने लगे कि हम धान का उठाव कर रहे हैं और इसी बीच बारिश आ गई। इस बीच हमारे केंद्रों में हमारी क्षमता से अधिक धान का स्टॉक हो गया और अचानक प्राकृतिक आपदा आने के कारण धान भीग गई उसके बाद भी हम लोगों ने धान को बचाने का हर संभव प्रयास किया मगर उसके बाद भी धान भीग गई।
एनसीसीएफ ने 28 दिसम्बर को पत्र जारी कर सारा दोष हम लोगों पर मढ़ दिया, यह पूरी तरह इनका तानाशाही रवैया है यह दंडात्मक रवैया है ऐसा नहीं लग रहा है कि यह एजेंसी मिलजुल कर काम करने आई है बल्कि यह तो अफसरशाही दिखा रहे हैं, इतना ही इसी एजेंसी ने खरीदी केंद्रों और गोदामों में सर्वेयर उपलब्ध करवाया है, और उन्ही का सर्वेयर खरीदी केन्द्र में धान पास करता है और उन्हीं का सर्वेयर गोदाम में उस धान को फेल करता है, नही तो दिन भर गाड़ी खड़ी रखते हैं यदि उनकी व्यवस्था बनी तो खाली हो जाती है नही तो खड़ी रहेगी वैसे 1 हजार रुपये गाड़ी मांगते हैं, वेयरहाउस के मालिकों द्वारा भी यह बताया जा रहा है कि उनके सरवर आते हैं तो छल्लियों को पलटवाते हैं इधर-उधर करते हैं और जब पैसा मिल जाता है तो उसको शांति से रहने देते हैं, इतना ही नहीं इनके सर्वेयर समितियां में भी किसानों से खुलेआम धान पास करने का पैसा वसूलते हैं, वहीं कहे कि यदि शासन और एनसीसीएफ हमारी बातों को नहीं मानते हैं और अपने शर्तों में सुधार नहीं करते हैं तो 2 तारीख से हम लोग पूरे जिले में धान की खरीदी बंद कर देंगे।
वहीं प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी मीनाक्षी बंजारे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों ने एक ज्ञापन दिया है, की एनसीसीएफ और ट्रांसपोर्टर की तरफ से जो गलती हुई है उसकी जिम्मेदारी हम पर न डाली जाए नहीं तो हम 2 तारीख से धान की खरीदी नही करेंगे, इस पर हम शासन को और एनसीसीएफ को पत्र लिख रहे हैं वहीं जब पूंछा गया कि समितियों ने आरोप लगाया है कि सर्वेयर द्वारा किसानों से एवं गोदामों में पैसा वसूला जाता है इस पर उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत हमारे पास भी आई है, लेकिन जब हमारे पास लिखित शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे।
—————
(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी