श्रीनगर 31 दिसंबर (Udaipur Kiran) । स्कूल शिक्षा निदेशालय कश्मीर ने छात्रों के बीच सीखने के अंतर को कम करने के लिए शीतकालीन ट्यूटोरियल और शीतकालीन शिविर शुरू करने का फैसला किया है।
स्कूल शिक्षा निदेशक कश्मीर जी एन इटू ने कहा कि यह पहल मांग से प्रेरित है और मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) को मानदंडों के अनुसार जहाँ भी ज़रूरत हो शीतकालीन ट्यूटोरियल और शिविर शुरू करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल के लिए दिशा-निर्देश कुछ साल पहले जारी किए गए थे और उन्हें दोहराया गया है और मानदंडों के अनुसार जहाँ भी ज़रूरत हो, उनका पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शीतकालीन ट्यूटोरियल और शिविर शुरू करने के लिए कई क्षेत्रों से मांग आ रही है इसलिए मांगों के मद्देनजर संबंधित सीईओ को मानदंडों के अनुसार आगे बढ़ने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हमने इसे कई वर्षों में शुरू किया है। इसके मद्देनजर, सीईओ कुपवाड़ा ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि डीएसईके द्वारा शीतकालीन ट्यूटोरियल के संचालन के संबंध में मौखिक निर्देश जारी किए गए हैं जैसा कि पिछले वर्षों के दौरान प्रचलन में था और जो छात्रों के लिए उपचारात्मक कक्षाओं के रूप में काम करते हैं।
आदेश में कहा गया है कि इस प्रकार सभी संस्थानों के प्रमुखों को अपने संबंधित संस्थानों में कक्षा 3 से 10 वीं के लिए इन शीतकालीन ट्यूटोरियल को संचालित करने की सलाह दी जाती है। इसमें कहा गया है कि तीसरी से 10 वीं कक्षाओं और स्कूल से बाहर के बच्चों के लिए शीतकालीन शिविर ‘होनहार शिक्षकों’ की आवश्यकता और उपलब्धता के अनुसार स्थापित किए जाएंगे। आदेश में कहा गया है कि शिविर ऐसे मध्य, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में स्थापित किए जाएंगे जहां शिक्षकों की आवश्यकता और उपलब्धता के अनुसार पर्याप्त बुनियादी ढांचा हो।
स्कूलों के प्रमुखों को इन शीतकालीन पहलों में छात्रों को नामांकित करने के लिए अभिभावकों से सहमति और अनुमति लेने के लिए कहा गया है। जहां तक संभव हो केंद्र ऐसे स्थान पर स्थापित किए जाएंगे जहां छात्रों या शिक्षकों की ओर से ऐसी सुविधा की मांग हो। इन केंद्रों के लिए निर्धारित समय सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी सदस्य इन केंद्रों में पूरे निर्धारित समय तक मौजूद रहेंगे जबकि डीसीआरजी, बीसीआरजी और सीआरसी कार्यक्रम को अकादमिक सहायता प्रदान करेंगे और शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षण के बारे में मार्गदर्शन देंगे।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता