Uttar Pradesh

पराली को जलाने की बजाय खेतों में मिलाएं, परिणाम चौकाने वाले पाएं : डॉ. अजय कुमार सिंह

कार्यक्रम में छात्रों ने बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा

कानपुर, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । किसानों द्वारा फसलों से निकलने वाले अवशेषों को जला देना मानव जीवन के साथ-साथ कृषि उत्पादन के लिए भी बेहद खतरनाक है। क्योंकि इससे निकलने वाले धुंए और गंदगी के चलते सब्जियों और फसलों के स्वाद एवं गुंडवत्ता में काफी कमी आ जाती है। ऐसे में यदि किसान भाई इन अवशेषों को जलाने के बजाय खेत की मिट्टी में मिला दें। तो परिमाण बेहद चौकाने वाले मिलेंगे। ये बातें (सीएसए) कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने कही ।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा फसल अवशेष परियोजना के अंतर्गत कानपुर देहात स्थित दर्शन सिंह महाविद्यालय केसरी नवादा में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 260 से भी ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के जरिये छात्रों को जागरूक कड़ते हुए केंद्र के प्रभारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि यदि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही साथ मृदा (मिट्टी) में पोषक तत्वों को नुकसान पहुँचता है। ऐसे में किसान पराली को खेत में मिला दें। तो मृदा की उर्वरा शक्ति काफी हद तक बढ़ सकती है। आगे उन्होंने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों, फलों एवं अन्य फसलों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। जिस कारण स्वाद व गुणवत्ता में काफी कमी आ जाती है। पशुओं द्वारा गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है।

इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन,चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमे छात्रों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्रबंधक यादवेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। साथ ही छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें।

केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. खलील खान, डॉ. निमिषा अवस्थी ने भी छात्राओं को संबोधित किया। इस अवसर पर गौरव शुक्ला,शुभम यादव सहित विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर एनके सिंह एवं शिक्षक श्रवण कुमार ,संतोष कुमार गुप्ता एवं रेणु देवी कटिहार सहित अन्य विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap

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