शिमला, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और मशीनरी की खरीद पर लगभग 1,570 करोड़ रुपये की धन राशि व्यय की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बीमारी जांच और उपचार के लिए प्रतिवर्ष 9.50 लाख मरीज प्रदेश से बाहर जाते हैं, जिससे सकल घरेलू उत्पाद में 1,350 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। यह एक गम्भीर विषय है और वर्तमान प्रदेश सरकार मरीजों को सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने और उनके बहुमूल्य धन और समय की बचत के लिए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की अधोसंरचना को मजबूत करने पर प्राथमिकता से कार्य कर रही है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों को न्यूरोलॉजी, ओन्कोलॉजी, ऑर्थोपैडिक्स और अन्य विभागों में रॉबोटिक सर्जरी की सुविधा के साथ स्तरोन्नत किया जा रहा है। इससे चिकित्सकों का कार्यभार कम होगा और उपचाराधीन मरीज भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में अत्याधुनिक पैट स्कैन और एमआरआई मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है और इसे शीघ्र ही जनता को समर्पित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें राज्य की पहली साइकलोट्रॉन मशीन के साथ रेडिएशन और न्यूक्लियर मेडिसिन थैरेपी की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने इन अस्पतालोें में स्पेशिएलिटी बैड व 69 स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए ताकि मरीजों को राज्य में गुणवत्तायुक्त उपचार सुविधा मिल सके। इससे सेकेंडरी केयर, आपातकालीन सेवाएं, उपकरण सुविधाएं व सुरक्षा मापदंड, अग्निशमन अधोसंरचना और आतंरिक गतिशीलता में सुधार सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं भी सुदृढ़ होेंगी।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला