भाेपाल, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सोमवती अमावस्या पर धर्म और आस्था की नगरी उज्जैन श्रद्धालुओं से गुलजार हो गई। साेमवार को कड़कड़ाती ठंड के बीच श्रद्धालु सुबह से ही मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्नान करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने यहां शिप्रा नदी में डुबकी लगाई और सोमतीर्थ कुंड में भी स्नान किया। घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। बता दें कि प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए उज्जैन शिप्रा घाट और सोमकुंड पर विशेष इंतजाम किए गए हैं।
उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद भी उत्साह देखते बन रहा है।
घाट पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और बेरिकेट्स लगाए गए हैं। वहीं, सोमतीर्थ पर स्नान को और व्यवस्थित बनाने के लिए कुंड व्यवस्था भी है। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नान स्थल बनाए गए। साथ ही वस्त्र बदलने के लिए शामियानों की व्यवस्था की गई है। अब तक 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में स्नान कर चुके हैं।
घाट पर मौजूद पंडितों ने पितृ दोष निवारण के लिए पिंडदान और तर्पण कर्म संपन्न कराया। बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से आए श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक परंपरा में हिस्सा लेकर दान-पुण्य किया। वहीं विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ दिखाई दी। सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान और सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विशेष महत्व है।मान्यता है कि इससे चंद्र दोष दूर होता है और अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है।
पूजन के साथ दान-पुण्य
स्नान और पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर मौजूद भिक्षुओं को अन्न और वस्त्र दान किया। शिप्रा नदी के पुजारी राकेश जोशी ने कहा, सोमवती अमावस्या का स्नान और पूजन बेहद शुभ माना जाता है। स्नान से चंद्र दोष समाप्त होते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नर्मदा घाटाें पर उमड़ी भीड़
नर्मदापुरम में भी सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। नर्मदापुरम के सेठानी घाट में भी हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। तड़के 5 बजे से ही कड़कड़ाती ठंड में श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। नर्मदापुरम के विवेकानंद घाट, परमहंस घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट, बांद्राभान संगम समेत जिलेभर के घाटों पर भारी भीड़ रही। इस दिन पितरों के तर्पण के लिए विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियाें में स्नान कर पूर्वजों को जल अर्पित किया जाता है, जिससे उन्हें शांति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। आज की सोमवती अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि यह साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या है। इसके अलावा यह सोमवती अमावस्या सनातनियों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि साल 2025 में सोमवती अमावस्या नहीं पड़ रही है। अगले डेढ़ साल तक सोमवती अमावस्या का पर्व नहीं आएगा। श्रद्धालुओं को सोमवती स्नान के लिए 15 जून 2026 का इंतजार करना पड़ेगा।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे