जम्मू,, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । वर्ष 2024 कई मायनों में खास रहा है एक तरफ यहां आतंक के साए के बीच 10 साल बाद फिर जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए। जिसने जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक परिदृश्य ही बदल गया। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर घाटी की राजनीतिक हवा ही बदल गई। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने 49 सीटें जीतीं। वहीं, बीजेपी 29 सीटों पर कब्जा किया। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को सिर्फ 3 सीटें मिलीं। वहीं अन्य छोटी पार्टियों ने 10 सीटें हासिल कीं। इस चुनाव में एग्जिट पोल और चुनाव विश्लेषकों को गलत साबित करते हुए उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने स्पष्ट बहुमत हासिल करते हुए कांग्रेस पार्टी और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाई। जबकि 2024 में एक और सकारात्मक विकास अलगाववादी विचारधारा में स्पष्ट गिरावट देखी गई। हुर्रियत के पूर्व कार्यकारी सदस्य डॉ. जी.एम. हुब्बी के बेटे और जेल में बंद अलगाववादी नेता के भाई, जाने-माने आपराधिक वकील जाविद अहमद ने चुनाव मैदान में प्रवेश किया, जबकि लगभग चार दशकों से चुनावों से दूर रहने वाली जमात-ए-इस्लामी ने भी हाल ही में हुए चुनावों में भाग लिया।
वहीं, जम्मू कष्मीर के विकास के लिए इस साल केंद्र सरकार ने 42,277.74 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया गया। इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर में 3300 करोड़ रुपये से अधिक की 84 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। जम्मू-कश्मीर में आए बदलाव की झलक तब देखने को मिली जब सड़क, पानी और उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के लिए 1500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की गई। 1800 करोड़ रुपये की लागत वाली जम्मू-कश्मीर कृषि क्षेत्रों में जेकेसीआईपी का भी उद्घाटन किया गया और 2000 सरकारी भर्तियों को नौकरी दी गई। फरवरी में अपने जम्मू दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने शिक्षा, रेलवे और विमानन तथा सड़क क्षेत्रों में 32000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास पहलों की घोषणा की थी। जम्मू में आईआईएम के परिसर का भी उद्घाटन किया गया। उच्च शिक्षा क्षेत्र में 13,375 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई। इसमें तीन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, 20 केंद्रीय विद्यालयों और 13 नवोदय विद्यालयों के लिए स्थायी परिसर शामिल हैं। रेलवे और सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन, उनकी आधारशिला रखना और 40,000 वर्ग मीटर का अत्याधुनिक हवाई अड्डा टर्मिनल जम्मू-कश्मीर को गतिशील, विकासात्मक और आर्थिक रूप से बदलने की मंशा को दर्शाता है। बनिहाल से संगलदान तक खारी और सुंबर के माध्यम से एक नई रेलवे लाइन का उद्घाटन और लगभग 186 किलोमीटर लंबे बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल-संगलदान रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण अभूतपूर्व प्रगति के रूप में देखा जाना चाहिए। जबकि 18 किलोमीटर लंबे रियासी-कटरा रेलवे ट्रैक पर भी इस साल मालगाड़ी दौड़ाकर इसका सफल ट्रायल किया गया। 44.22 किलोमीटर लंबे जम्मू से कटरा खंड के निर्माण के साथ सड़क संपर्क में भी बड़ी छलांग लगी है, जो अब दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का हिस्सा बन गया है। श्रीनगर रिंग रोड को चार लेन की परियोजना में बदलना और राष्ट्रीय राजमार्ग-01 के श्रीनगर-बारामूला-उरी खंड, राष्ट्रीय राजमार्ग-444 पर कुलगाम और पुलवामा बाईपास को बेहतर बनाने की योजनाओं को सक्रिय किया गया। वर्श 2024 में जम्मू क्षेत्र के दूरदराज के इलाकों में आतंकवाद ने फिर से सिर उठाया। जम्मू जिले सहित 10 में से आठ जिलों में आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की जान चली गई। अप्रैल के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह के बीच रियासी, डोडा, कठुआ, पुंछ, उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में आतंकी घटनाएं हुईं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए सुरक्षा बलों ने 2024 में कम से कम 75 आतंकवादियों को मार गिराया है, जिनमें 61 फीसदी आतंकी विदेषी थे। जम्मू कष्मीर में 2024 में 25 आतंकवादीघटनाएं हुई हैं, इन घटनाओं में 26 सुरक्षा बल कर्मियों ने बलिदान दिया जो 2023 में बलिदान देने वाले 27 सुरक्षा कर्मियों के ही बराबर है। जबकि आतंकी हमलों में इस साल 31 लोगों की भी मौत हुई।
इस साल जम्मू कश्मीर ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी प्रगति हासिल की है। एम्स जम्मू ने इस साल अगस्त में अपना संचालन शुरू कर दिया है और 2025 में इसके पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। दक्षिण कश्मीर में एम्स अवंतीपोरा के जून 2025 तक पूरा होने का अनुमान है। राज्य प्रशासन ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए जम्मू-कश्मीर में 2,000 मेडिकल सीटें जोड़ी हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत किया है। इस साल जिला और उप-जिला अस्पतालों में डायलिसिस केंद्र और अलग से जेरियाट्रिक वार्ड भी शुरू किए गए हैं और उम्मीद है कि 2025 तक जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। जम्मू में आज एक कैंसर संस्थान है, जो रोगियों को महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करता है। जम्मू में 300 बिस्तरों वाला, हाई-टेक बोन एंड जॉइंट अस्पताल चालू किया गया। सभी जिला अस्पतालों में कीमोथेरेपी इकाइयाँ भी स्थापित की गई हैं। सभी जम्मू-कश्मीर अस्पतालों में डिजिटल भुगतान सुविधाएँ उपलब्ध हैं और एसकेआईएमएस में एक चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना क्षेत्र के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होने की उम्मीद है।
वर्ष 2024 में पर्यटन और सांस्कृतिक स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए नई पहल की गई है। इस वर्ष 12 ऑफ-बीट पर्यटन स्थलों की पहचान की है, जिनमें से छह जम्मू और 6 कश्मीर में हैं, जिसका उद्देश्य पर्यटन आकर्षण को बढ़ाना, स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों का विस्तार करना है। पर्यटन से जुड़ी कई पहलों में केरन को सीमावर्ती पर्यटक गांव के रूप में विकसित करना और तोसा मैदान और सीतारण सर्किट का विकास शामिल है। इसके अलावा, सांबा जिले के डुग्गर दानी गांव में पारंपरिक कश्मीरी गांव का माहौल बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
हालांकि इस साल कई बड़े आंदोलन भी देखने को मिले जिनमें कटरा में बन रहे रोपवे का विरोध लगातार धर्मनगरी में किया जा हरा है। जबकि इस साल युवा राजपूत सभा का सरोर टोल प्लाजा हटाने को लेकर भी आंदोलन हुआ था पर पुलिस ने इस आंदोलन को पूरी तरह से दबा दिया। याहन वर्ष 2024 कई मायनों में खास रहा है और अब बेसब्री से हमें और आपकों वर्ष 2025 के आगमन का इंतजार है। तो सभी के लिए आने वाली वर्ष कुछ न कुछ खास लेकर यहीं कामना हम करते है।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता