Uttar Pradesh

गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी की आरती एवं अरदास

गुरू गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर गतका पार्टी का युद्ध कौशल:फोटो बच्चा गुप्ता
गुरू गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर गतका पार्टी का युद्ध कौशल:फोटो बच्चा गुप्ता

-धार्मिक शोभायात्रा में गतका पार्टी का युद्ध कौशल बना आकर्षण, स्कूली बच्चों ने शबद गायन किया

वाराणसी, 29 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सिख धर्म के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोविन्द सिंह के 358वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार अपराह्न में गुरुद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग से विशाल धार्मिक शोभायात्रा निकली। शोभायात्रा नगर कीर्तन, जुगो जुग अटल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की अगुआई में नीचीबाग से आरम्भ होकर चौक, गोदौलिया, गिरजाघर चौराहा, नई सड़क, लहुराबीर, कबीरचौरा, मैदागिन होते हुए वापस गुरुद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग पहुंची।

शोभायात्रा में परम्परागत गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी गाड़ी को फूल-मालाओं एवं बिजली की झालरों से सजाया गया था। शोभायात्रा के साथ पंच प्यारे पैदल एवं पंच प्यारे घोड़े पर चल रहे थे। उनके पीछे सिख समाज की महिलायें, पुरुष गुरुवाणी शबद कीर्तन करते चल रहे थे। शोभायात्रा में जयपुर से आये भाई जितेन्द्र सिंह गतका पार्टी ने शस्त्र कला कौशल का प्रदर्शन किया। गतका पार्टी का युद्ध कौशल राहगीरों और सोशल मीडिया में भी आकर्षण बना रहा। शोभायात्रा में गुरुनानक इंग्लिश मीडियम स्कूल गुरूबाग, गुरु नानक खालसा बालिका इण्टर काॅलेज, गुरूबाग एवं गुरुनानक इंग्लिश स्कूल, शिवपुर के बच्चे विशेष परिधान पहनकर शबद गायन एवं जयकारा बोलते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में चंडीगढ़ से आये पंजाब पाइप बैंड्स की धुन ‘देहि शिवा वर-मोहे इहे शुभ करमन ते कबहूं न टरों भी समुदाय के लोगों को भक्तिभाव से झुमा रही थी। शोभायात्रा की पवित्रता के लिये, संगत सड़क की सफाई झाडू लगाकर एवं पानी छिड़ककर रास्ते को पवित्र कर रही थी। इसमें शामिल बच्चे स्वच्छ काशी, सुन्दर काशी का संदेश दे रहे थे। शोभायात्रा जिस मार्ग से गुजर रही थी, वहाँ लोग श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के ऊपर पुष्प वर्षा कर रहे थे। काशी की साध संगत ने शोभायात्रा में शामिल लोगों के लिये जगह-जगह स्वागत एवं अल्पाहार की व्यवस्था भी की थी। शोभायात्रा समापन के समय गुरुद्वारा, नीचीबाग पहुँचने पर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी की आरती एवं अरदास करके सुखासन स्थान ले जाया गया। शबद कीर्तन हुआ। इसके उपरान्त गुरु का अटूट लंगर चला।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top