सहरसा, 29 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।
मैथिली एवं हिंदी के महान रचनाकार प्रो. मायानंद मिश्र की पुण्यस्मृति में अभिनव सेलिब्रेशन हॉल में आयोजित कार्यक्रमों में मैथिली भाषा के संरक्षण एवं उत्थान के संदर्भ में विभिन्न जातियों के साहित्यकारों एवं भाषा अभियानियों की एकजुटता प्रदर्शित हुई।
प्रो मायानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि उपरांत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आत्मा की शांति हेतु एक मिनट का मौन रखा गया। मंचासीन सभी अथितियों को पाग और चादर से सम्मान के उपरांत समारोह का शुभारंभ बी एन एमयू. के पूर्व कुलपति प्रो डॉ आर के पी रमण, श्री कृष्णा विश्वविद्यालय मधेपुरा के कुलपति प्रो डॉ अशोक कुमार यादव, डॉ केएस ओझा, पूर्व प्राचार्य डॉ पी सी खां, पूर्व प्राचार्य डॉ. देवनारायण साह, राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक विक्रमादित्य खां, प्रो डॉ भवानंद मिश्र, कार्यक्रम संयोजक गोसाई मंडल, रामेश्वर मंडल, दिग्विजय सिंह इत्यादि ने दीप प्रज्वलित कर किया।
प्रो कुलानंद झा की अध्यक्षता एवं किसलय कृष्ण एवं डॉ अक्षय कुमार चौधरी के संयुक्त मंच संचालन में साहित्यकार डॉ. महेंद्र द्वारा प्रो मायानंद मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर रचित पुस्तक ‘तोहर सरिस’ का विमोचन हुआ। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रो. कुलानंद झा ने जहां सहरसा में प्रो. मायानंद चेतना मंच की स्थापना की बात कही वहीं प्रो. आर.के. पी. रमण ने प्रो. मायानंद मिश्र के बहुआयामी व्यक्तित्व, कृतित्व एवं भाषायी आंदोलन के अध्ययन पर शोध संस्थान स्थापित किए जाने का विचार रखा।
भाषायी आंदोलन पर चर्चा के क्रम में डॉ. नारायण झा, डॉ. अमोल राय और रामचैतन्य धीरज ने भी प्रो. मायानंद के विभिन्न महत्वपूर्ण योगदानों पर विस्तृत विमर्श प्रस्तुत किये। इस्ट एंड वेस्ट संस्था के संस्थापक डॉ. रजनीश रंजन ने प्रो. मिश्र की रचनाओं को ‘इस्ट वेस्ट एफ.एम. रेडियो’ के माध्यम से प्रचारित एवं प्रसारित करने का विचार प्रस्तुत किया।
प्रो. भवानंद मिश्रा ने कहा कि मैथिली भाषाओं एवं मिथिलांचल के उत्थान में सभी जातियों को एकजुट होकर आंदोलन में सक्रिय होना होगा। इस अवसर पर कुमार विक्रमादित्य, रामकुमार सिंह, कमल किशोर चौधरी, दीपिका चंद्रा, डॉ. रेणु, पल्लवी मंडल, अंजली ठाकुर, शशिप्रभा तथा अंजू झा द्वारा कवितापाठ भी किये गये।
(Udaipur Kiran) / अजय कुमार