कोलकाता, 28 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।
बाघिनी जीनत ने फिर अपना ठिकाना बदल लिया है। पुरुलिया के जंगलों से निकलकर अब वह बांकुड़ा की ओर बढ़ रही है। शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे वह जाल में लगे सुराख से निकलकर भाग गई। इस घटना के बाद आसपास के इलाके में दहशत फैल गई है। बाघिनी को पकड़ने के लिए वन विभाग ने ट्रैकिंग डिवाइस, ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया। सेटेलाइट लोकेशन की मदद से हर चार घंटे में उसकी स्थिति का पता लगाया जा रहा है, लेकिन शुक्रवार रात लगभग 30 मिनट तक बाघिनी का कोई सुराग नहीं मिला। शनिवार सुबह उसे कुमारी नदी पार करते और कसाई नदी के किनारे चलते हुए देखा गया। वह मानबाजार ब्लॉक-1 के धानाड़ा इलाके को पार कर बांकुड़ा के मुकुटमणिपुर जलाशय के पास पहुंच गई।
वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि शुक्रवार रात कड़ाके की ठंड के कारण बाघिनी ने जलाशय में जाने से परहेज किया। अन्यथा वह कसाई जलाशय पार कर दक्षिण बांकुड़ा के बारो माइल जंगल में प्रवेश कर सकती थी।
पिछले रविवार को सिमलीपाल बाघ अभयारण्य की यह बाघिनी झाड़ग्राम के बेलपहाड़ी क्षेत्र से होते हुए मयूरझरना और फिर बान्दवान के जंगलों में प्रवेश कर गई थी। तभी से उसे पकड़ने की कोशिशें शुरू हो गई थीं। कभी पूरे गांव को जाल से घेरकर तो कभी हाथियों को भगाने की रणनीति अपनाकर उसे काबू में करने की कोशिश की गई।
शुक्रवार रात ट्रैंकुलाइज़र टीम ने उसे बेहोश करने की योजना बनाई, लेकिन डांगरडी मोड़ के पास जाल से घिरे जंगल से वह भाग निकली। इसके बाद बाघिनी ने गांव के नजदीक घूमना शुरू कर दिया। शनिवार सुबह उसने फिर अपना स्थान बदल लिया और अब वह बांकुड़ा में है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर