Bihar

बच्चों के जन्मजात विकृतियों से बचाव के लिए सही उम्र में विवाह होना जरूरी: डॉ श्रवण

स्वास्थ्य अधिकारियो की बैठक में जानकारी देते पदाधिकारी

-संदिग्ध हृदय रोग के लक्षण वाले बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल करें रेफर- गर्भावस्था के दौरान आयरन, कैल्शियम का उपयोग जरूरी

पूर्वी चंपारण,27 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।डिलीवरी पॉइंट के चिकित्सा पदाधिकारियों के जिला स्तरीय प्रशिक्षण के समापन के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने कहा कि बच्चों के जन्मजात विकृतियों से बचाव के लिए सही उम्र में विवाह होना जरूरी है,तभी सही गर्भ धारण हो पाएगा।

उन्होंने बताया कि 20 वर्ष से कम उम्र में एवं 35 वर्ष से अधिक उम्र में महिलाओं को गर्भ धारण करने साथ ही रक्त सम्बन्ध वाले लोगों के साथ विवाह होने पर पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है एवं इसका बच्चे के जन्म पर भी असर पड़ता है। इसलिए सही उम्र में विवाह होना जरूरी है।

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विजय कुमार ने कहा कि जन्म होते ही दोष वाले एवं विकृतियों के साथ हृदय रोग के संदिग्ध बच्चों की पहचान होते ही उन्हें जल्द से जल्द जिला अस्पताल रेफर करना जरूरी है ताकि वैसे बच्चों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराकर उनको सुरक्षित किया जा सकें। प्रशिक्षक डॉ पंकज कुमार ने बताया कि गर्भ धारण के समय ही रुबेला का टीका लेना चाहिए, साथ ही सभी नियमित टीकाकरण समय पर लेना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को धूम्रपान एवं शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। तभी जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ ऱह सकता है।

आरबीएसके की जिला समन्वयक डॉ शशि मिश्रा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान आयरन, कैल्शियम का उचित मात्रा में उपयोग जरूरी है ताकि सही ढंग से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास हो सके और गर्भवस्था के दौरान होने वाली परेशानियों से बच सकें। इस मौके पर एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान, डीएस डॉ विजय कुमार, डॉ पंकज कुमार, डॉ खालिद अख्तर,आरबीएसके डीसी डॉ शशि व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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