Madhya Pradesh

अनूपपुर: जिला मुख्यालय बनने के बाद से अब तक नहीं बना भाजपा अध्यक्ष

सभी दावेदारा

अनूपपुर, 26 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी बूथ स्तर के चुनाव उपरांत मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी करते हुए संगठन पर्व 3 के तहत जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया से गुजर रही है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के मार्गदर्शन में जिलाध्यक्षों हेतु सभी जिलों में दो दिन में राय शुमारी की प्रक्रिया पूरा कर लिया गया हैं। अनूपपुर भाजपा जिलाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। जिलाध्यक्ष बनने के लिये इच्छुक लोगों की भीड़ बडी होने से गुटबाजी और नेताओं के इर्द – गिर्द लामबंदी भी दिख रही है।

पुष्पराजगढ विधानसभा क्षेत्र के हीरासिंह श्यान के पक्ष में मंत्री दिलीप जायसवाल और कोल विकास प्राधिकरण के दर्जा प्राप्त मंत्री रामलाल रौतेल लामबंदी कर रहे हैं। जनजातीय युवा चेहरा के नाम पर यह समीकरण सांसद हिमाद्री सिंह,पूर्व विधायक सुदामा सिंह सिंग्राम और जनजातीय नेता जिला पंचायत सदस्य नर्मदा सिंह को उन्ही के गढ में घेरने की कवायद माना जा रहा है। अमरकंटक से जुड़े सूत्रों के अनुसार यहाँ स्थित एक न्यास में हुई गुप्त बैठक में यह रणनीति बनाई गयी। जबकि अध्यक्ष के सर्वाधिक दावेदार कोतमा और अनूपपुर से बतलाए जा रहे हैं।

अनूपपुर जिला मुख्यालय से अध्यक्ष का चयन रामलाल रौतेल को कभी पसंद नहीं आया। जैतहरी के अनिल गुप्ता, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष स्व.ओमप्रकाश द्विवेदी, वासुदेव जगवानी, ब्रजेन्द्र पंत, ओमप्रकाश मिश्रा, सत्येन्द्र सिंह परिहार, प्रेमनाथ पटेल,उमेश पटेल, मनोज द्विवेदी, अरुण सिंह, प्रवीण सिंह, गजेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह, चंद्रिका द्विवेदी,रामनारायण उर्मलिया जैसे योग्य नेताओं को अध्यक्ष पद से लगातार दूर रखने की कोशिश की गयी। इनमें से ओमप्रकाश द्विवेदी ,अनिल गुप्ता सहित अन्य नेताओं की योग्यता, समर्पण और विचारधारा पर किसी को कोई शक नहीं था। जनजातीय क्षेत्र होने के कारण सांसद, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु इसी वर्ग को अवसर मिलता रहा है। इसके बावजूद संगठन निर्वाचन में पहले जय सिंह मरावी और फिर लगभग सात वर्ष तक रामदास पुरी को अध्यक्ष बनाए रखा गया। इसके चलते कुछ नेता स्वर्गवासी हो गये और कुछ पार्टी सीमा रेखा से बाहर हो गये।

2003-2024 के बीच एक भी बार अनूपपुर जिला मुख्यालय से भाजपा का अध्यक्ष नहीं बनाया गया।

2024 के संगठनात्मक चुनाव मे अध्यक्ष हेतु उम्र की नई सीमा तय करने और जिलाध्यक्ष दोबारा ना बनाने के नियम के हवाले से नये व्यक्ति को अवसर मिल सकता है। लेकिन इसके लिये वरिष्ठ नेता दिलीप जायसवाल, बिसाहूलाल सिंह, हिमाद्री सिंह,रामलाल रौतेल अपने स्वार्थ ,हितलाभ से कितना समझौता करेगे, यह देखना होगा। कोतमा से प्रमुख पिछड़ा चेहरा प्रेमचंद यादव, आधाराम वैश्य, ज्योति सोनी, मोहिनी वर्मा के साथ मनोज द्विवेदी, राम अवध सिंह, हनुमान गर्ग, अखिलेश द्विवेदी, प्रभात मिश्रा ,अजय शुक्ला, लवकुश शुक्ला की योग्यता, कार्यकुशलता किसी नेता से कम नहीं है। लेकिन इनमें से सभी लोग कोतमा विधानसभा के प्रबल दावेदार रहे हैं। इनमे से किसी को भी अध्यक्ष बनाना मंत्री दिलीप जायसवाल को रास नहीं आएगा। ऐसी ही तस्वीर अनूपपुर विधानसभा की है। यह जनजातीय वर्ग के लिये आरक्षित होने के बावजूद जिला मुख्यालय से किसी नेता का जिलाध्यक्ष बनना यहाँ के स्थापित नेताओं को रास नहीं आता। यही कारण है कि चेहरे, अवसर और योग्यता होने के बाद भी आज तक जिला मुख्यालय अनूपपुर का कोई भाजपा नेता जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

Most Popular

To Top