नई दिल्ली, 26 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) में गुरुवार को काउंसिल बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता सांसद बांसुरी स्वराज ने की। इसके अलावा एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा, उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल के साथ ही विधायक एवं सदस्य एनडीएमसी वीरेंद्र सिंह कादियान व अन्य लोग मौजूद रहे। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि
आज की काउंसिल बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की “महिला सम्मान” और “संजीवनी योजना” पर निंदा प्रस्ताव पास किया।
चहल ने कहा कि केजरीवाल अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक कारणों से प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली के नागरिकों तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं।
नई दिल्ली क्षेत्र के निवासियों के लिए 25 मई 2022 को परिषद ने अपने क्षेत्र निवासियों के लिए केंद्र की प्रमुख “आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” (एबी-पीएमजेवाई) योजना के कार्यान्वयन को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी थी। जिस बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद भी मौजूद थे।
चहल ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री ने शुरू किया, भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की संस्तुति के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बनाई गई थी। इस योजना को सभी राज्यों में लागू करने के लिए प्रधानमंत्री ने आदेश दिए थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने राजनीतिक कारणों से दिल्ली के नागरिकों को इस योजना से वंचित रखा है।
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने 29 अक्टूबर 2024 को 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख तक का निशुल्क उपचार लाभ देने के लिए “जन आरोग्य योजना” का विस्तार किया, जो आयुष्मान भारत योजना से अलग है।
चहल ने आगे कहा कि केजरीवाल राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए प्रधानमंत्री की योजनाओं को लागू नहीं होने दे रहे हैं और इसके बजाय दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना जैसी फर्जी योजनाएं पेश कर रहे हैं। इन योजनाओं के तहत महिलाओं को 2,100 प्रति माह और 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को अन्य लाभ देने का झूठा वादा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से इन योजनाओं के बारे में स्पष्ट किया कि ऐसी कोई आधिकारिक योजना अस्तित्व में नहीं है। इन योजनाओं के नाम पर कोई भी पंजीकरण या आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। जो लोग इस योजना के तहत आवेदन या जानकारी एकत्रित कर रहे हैं, वे धोखाधड़ी कर रहे हैं और उनके पास कोई अधिकार नहीं है।
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि इन योजनाओं के बारे में कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की गई है और यदि भविष्य में कोई योजना लॉन्च की जाती है, तो विभाग एक डिजिटल पोर्टल के माध्यम से पात्र नागरिकों से आवेदन स्वीकार करेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का झूठा दावा पहले 2021-22 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने भी किया गया था, जिसे आज तक लागू नहीं किया गया।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी