नई दिल्ली/पटना, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिवस पर बुधवार को कॉलेज ऑफ कॉमर्स के सेमिनार हॉल में आयोजित अटल शताब्दी स्मृति समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने उपस्थित छात्रों और शहर के गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि बाजपेयी ने देश की राजनीति को न केवल प्रधानमंत्री के तौर पर बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में भी आदर्श का जो मानदंड स्थापित किया वह विरले ही किसी अन्य राजनेता ने किया।
रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री स्वर्ण चतुर्भुज सड़क परियोजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, डिजिटल क्रांति ने आज के भारत के निर्माण की नींव रखी। प्रसाद ने कहा कि पोखरण विस्फोट के माध्यम से भरत को एक परमाणु संपन्न राज्य बनाने में उनकी भूमिका ने भारत की सीमा को सुरक्षित कर दिया है। कारगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी की रणनीति ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने एक आतंकवादी राज्य के रूप में एक्सपोज कर दिया।
इस मौके पर अपना विचार व्यक्त करते हुए विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि बाजपेयी ने विपक्ष में रहते हुए भी आवश्यकता पड़ने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री चाहे इंदिरा गांधी हों या पी.वी. नरसिम्हा राव सबके साथ राष्ट्रहित में सहयोग कर देश को संकट से बाहर निकालने में महती भूमिका निभाई। वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रोफेसर अरुण कुमार भगत ने एक कवि के रूप में वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपनी कविताओं एवं लेखनी के माध्यम से भी आम जनता का मार्गदर्शन किया। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रासबिहारी सिंह ने इस अवसर पर वाजपेई जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बाजपेजी महामानव थे। विदेश मंत्री के रूप में उनकी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में उनका पहला भाषण यादगार है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मिथिलालोक फाउंडेशन एवं ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक डॉ. बीरबल झा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के लिए भारत को समृद्ध बनाने में अपनी भूमिका तलाशने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी से बड़ा न कोई व्यक्तित्व हो सकता है न ही देशभक्ति का पाठ पढ़ने के लिए वाजपेयी की जीवनी। इस कार्यक्रम का आयोजन मिथिलालोक फाउंडेशन और स्पोकेन इंगलिश के क्षेत्र में देश की अग्रणी शिक्षण संस्थान ब्रिटिश लिंगुआ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
इस समारोह में उपस्थित अन्य वक्ताओं में पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर नागेंद्र कुमार झा, वरिष्ठ अधिवक्ता मंजू झा, आदि शामिल रहे। इस अवसर पर जीवन के विभिन्न क्षेत्र में सफलता हासिल करने वाले कई लोगों को अटल सम्मान से सम्मानित भी किया गया। अटल सम्मान पाने वाले गणमान्य लोगों में अजय अनुराग, मंजू झा, प्रशांत कुमार, शोभित सुमन और अखिलेश कुमार झा आदि शामिल रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर