Gujarat

गुजरात सरकार के जल संसाधन विभाग और एसएसी-इसरो के बीच हुआ एमओयू

गांधीनगर में ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर जल संसाधन विभाग और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी-इसरो) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

-स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से बेहतर जल संसाधन विकास और प्रबंधन के उद्देश्य से किया गया तकनीकी सहयोग

गांधीनगर, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को गांधीनगर में ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर जल संसाधन विभाग और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी-इसरो) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

यह तकनीकी सहयोग स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से बेहतर जल संसाधन विकास और प्रबंधन के साथ ही विभाग के अधिकारियों की क्षमता निर्माण के उद्देश्य से किया गया है। जल संसाधन विभाग और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र-इसरो के बीच तकनीकी सहयोग के अंतर्गत वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के लिए डिजिटल एलिवेशन मॉडल का उपयोग, हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी के उपयोग से वाटर रिसोर्स-इरिगेशन नेटवर्क की मैपिंग और इरिगेशन मैनेजमेंट, सीजनवार क्रॉप कवरेज, इरिगेशन बेंचमार्किंग, मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड विकसित करना, हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग, रिवर मॉर्फोलॉजी का अभ्यास, फ्लड मैनेजमेंट, जियो-स्पेशियल और इन-सिटू डेटा से वेलिडेशन, रिजर्वायर सेडिमेंटेशन, भूगर्भ जल संरक्षण के लिए भूमिगत जल स्तर की निगरानी, सेलिनिटी इंग्रेस मॉनिटरिंग, वाटर रिसोर्स के क्षेत्र में रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करने तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर क्षमता निर्माण करने जैसे कार्य किए जाएंगे।

इस तकनीकी सहयोग के लिए किए गए एमओयू की अवधि 5 वर्ष होगी। इस अवधि के दौरान जल संसाधन विभाग में रीजनल लेवल जियो स्पेशियल सेल स्थापित कर अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न कार्य किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि गुजरात के जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य में नए वाटर कंजर्वेशन स्ट्रक्चर्स जैसे कि डैम, बैराज और चेकडैम आदि बनाने तथा मौजूदा स्ट्रक्चरों के रखरखाव का कार्य किया जाता है। इसके अलावा, कैनाल नेटवर्क एवं अन्य स्रोतों से 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा कैनाल सिस्टम के माध्यम से प्रदान की जा रही है। भारत सरकार के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अहमदाबाद स्थित एक प्रमुख केंद्र अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) द्वारा अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी पर आधारित विभिन्न क्षेत्रों के लिए एप्लीकेशन विकसित करने का काम किया जाता है। इसके अलावा, प्रस्तावित पायलट स्टडीज के रूप में घेड क्षेत्र (सौराष्ट्र) में जल जमाव का मुद्दा, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में लवणता का प्रवेश और उत्तर गुजरात में जल संरक्षण एवं जलभृत पुनर्भरण को शामिल किया गया है। गांधीनगर में आयोजित इस कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री मुळुभाई बेरा और राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल, सहकारिता राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा और मुख्य सचिव राज कुमार सहित जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारी एवं अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र-इसरो के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top