अटल जी ने भारतीय राजनीति को एक नई सोच और दिशा प्रदान की
लखनऊ, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हुए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धेय अटल को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। जिला स्तर पर श्रद्धेय अटल जी के जीवन, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित प्रदर्शनियां लगाई गई। साथ ही मण्डल स्तर पर सुशासन यात्राएं निकालकर चौपाल भी लगाई गई।
चौपाल में अटल जी के जीवन, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे लोककल्याणकारी कार्यों पर भी चर्चा की।
भाजपा के राज्य मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक ने किया।
बाराबंकी में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित सुशासन दिवस के कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल शामिल हुए। इस अवसर पर दिव्यांग जनों को सहायक उपकरण वितरण किया गया।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अटल के जीवन की प्रेरणा हमें हमेशा आगे बढ़ने में सहायता करती है। उन्होंने भारतीय राजनीति में एक नई सोच और दिशा प्रदान की, जो सदैव हमारे मार्गदर्शन का स्रोत रहेगी।
उन्होंने कहा कि अटल जी का नेतृत्व केवल राजनीतिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं था। उन्होंने राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता का जो संदेश दिया, वह हमें आज भी प्रेरित करता है। वे एक कुशल वक्ता और महान कवि थे, जिन्होंने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से भावनाओं एवं विचारों को साझा किया। उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता और साहसिक निर्णयों ने देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया।
उनके प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करते हुए भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि वे कहते थे कि, ‘‘सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते‘‘ हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज, उनके सिद्धांतों और कार्यों को अपने जीवन में आत्मसात कर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन