लखनऊ, 25 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष संजय प्रताप सिंह ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है। जिसमें विभागाध्यक्ष ने विशेष मरम्मत, सामान्य मरम्मत से नवीनीकरण उपरांत पांच वर्षीय अनुरक्षण का प्राविधान उचित नहीं होना बताया है। इसे घटाकर दो वर्ष किये जाने की मांग की गयी है, जिससे ठेकेदारों को बड़ी राहत मिल जायेगी।
विभागाध्यक्ष ने शासन को पत्र भेजने के बाद क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिया है कि लोक निर्माण विभाग के तहत मार्गों की सामान्य एवं विशेष मरम्मत से नवीनीकरण एवं आईआरक्यूपी की निविदाओं में पांच वर्ष के अनुरक्षण प्राविधान को हटा दिया जाये। यदि किसी कार्य में इसका प्राविधान किया जा चुका हो तो उसको तत्काल निरस्त करते हुए संशोधित कार्यवाही की जाये।
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष के प्रस्ताव पर नये वर्ष 2025 में ही कोई आदेश आने की उम्मीद है। जिससे ठेकेदारों को थोड़ी राहत मिल जायेगी। तमाम सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्यों में ठेकेदारों की भागीदारी भी बढ़ सकती है। विभागाध्यक्ष के प्रस्ताव की जानकारी होने पर विभाग में रजिस्टर ठेकेदारों ने प्रसन्नता जाहिर की है।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र