Jammu & Kashmir

कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड जारी, अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज

कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड जारी, अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज

श्रीनगर, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड जारी रहने के कारण अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है जिससे कई इलाकों में कई जल निकाय और जल आपूर्ति लाइनें जम गई हैं।

मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि श्रीनगर में मंगलवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने अगले दो दिनों में कश्मीर में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का अनुमान लगाया है। गुलमर्ग को छोड़कर कश्मीर घाटी के अन्य सभी मौसम केंद्रों में रात के तापमान में गिरावट आई है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 21 दिसंबर से शुरू हुई 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधि चिल्लई-कलां की चपेट में कश्मीर घाटी में इस समय मौसम के सामान्य से कम अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अनुभव हो रहा है। पारे में गिरावट के कारण जल आपूर्ति लाइनें जम गई हैं जबकि डल झील सहित कई जल निकायों की सतह पर बर्फ की पतली परत जम गई है। विभाग ने बताया कि शहर गुलमर्ग से भी ठंडा रहा, जो उत्तरी कश्मीर में स्कीइंग गतिविधियों के लिए जाना जाने वाला एक पर्यटक रिसॉर्ट शहर है और जहां पारा शून्य से नीचे 6.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 8.4 डिग्री सेल्सियस, काजीगुंड में शून्य से नीचे 6.6 डिग्री सेल्सियस जबकि पंपोर क्षेत्र का एक छोटा सा गांव कोनीबल शून्य से नीचे 9.5 डिग्री सेल्सियस के साथ घाटी में सबसे ठंडा स्थान रहा। उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में तापमान शून्य से नीचे 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग ने बताया कि 27 दिसंबर की दोपहर से लेकर अगले दिन सुबह तक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। 29, 30 और 31 दिसंबर को मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा लेकिन नए साल की पूर्व संध्या पर ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है और 1-4 जनवरी के बीच कश्मीर में छिटपुट जगहों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है। चिल्लई-कलां के 40 दिनों के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान काफी गिर जाता है। यह अगले साल 30 जनवरी को समाप्त होगा लेकिन घाटी में उसके बाद भी शीत लहर जारी रहती है। 40 दिनों के बाद 20 दिन की ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिन की ‘चिल्लई-बच्चा’ (छोटी ठंड) होती है।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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