Uttar Pradesh

पंच परिवर्तन से ही समाज में परिवर्तन सम्भव : गोविंद नायक

पैरामेडिकल में मंच पर अतिथि
मंच पर अतिथि पदाधिकारी
शोभायात्रा में पुष्पवर्षा कर छात्रों का उत्साह करते

अभाविप ने निकली मुक्ताकाशी मंच से ईलाइट तक शोभायात्रा

भारत माता के जयघोषों से गूंजा झांसी,विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर किया गया स्वागत

झांसी, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 64 वे प्रांत अधिवेशन के दूसरे दिन मुक्त काशी मंच से लेकर ईलाइट चाैराहे तक शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें विद्यार्थी परिषद के 21 जिलों के 1500 कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। शोभायात्रा मुक्ताकाशी मंच से शुरू होकर के मिनर्वा चौराहा, कोतवाली, खंडेराव गेट होते हुए बीकेडी से जीवन शाह से होते हुए ईलाइट चाैराहे पर संपन्न हुई। इससे बाद यह शोभायात्रा खुला अधिवेशन में सभा में परिवर्तित हो गई। प्रांत भर के छात्र नेताओं ने सत्र नियमन, फीस वृद्धि, महिला एक विमर्श, समरसता, अभाविप की गौरव गाथा, बांग्लादेश में हिंदुओं पे हो रही हिंसा के विरोध आदि विषयों पर अपने उद्बोधन दिये।

इसके पूर्व 64 वें प्रांत अधिवेशन के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में पंच परिवर्तन पर भाषण हुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोविंद नायक ने सामाजिक समरसता, पर्यावरण, स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन तथा नागरिक कर्तव्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक आर्थिक उन्नयन में इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन को गति देने एवं समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय सर संघचालक मोहन भागवत ने समाज में पंच परिवर्तन का आह्वान किया है, ताकि अनुशासन एवं देशभक्ति से ओतप्रोत युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करे।

इस पंच परिवर्तन में पांच आयाम शामिल हैं (1) स्व का बोध अर्थात स्वदेशी, (2) नागरिक कर्तव्य, (3) पर्यावरण, (4) सामाजिक समरसता एवं (5) कुटुम्ब प्रबोधन। इस पंच परिवर्तन कार्यक्रम को सुचारू रूप से लागू कर समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता व सद्भाव से ऊंच-नीच जाति भेद समाप्त होंगे। पर्यावरण से सृष्टि का संरक्षण होगा तथा कुटुम्ब प्रबोधन से परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे। समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा देने की आज महती आवश्यकता है।

भारत में हाल ही के समय में देश की संस्कृति की रक्षा करना, एक सबसे महत्वपूर्ण विषय के रूप में उभरा है। सम्भावना से युक्त व्यक्ति हार में भी जीत देखता है तथा सदा संघर्षरत रहता है। अतः पंच परिवर्तन उभरते भारत की चुनौतियों का समाधान करने में समर्थ है। पंच परिवर्तन में समाज में समरसता (बंधुत्व के साथ समानता), पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली, पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए पारिवारिक जागृति, जीवन के सभी पहलुओं में भारतीय मूल्यों पर आधारित ‘स्व’ (स्वत्व) की भावना पैदा करने का आग्रह जैसे आयाम शामिल हैं। नागरिक कर्तव्यों के पालन हेतु सामाजिक जागृति; ये सभी मुद्दे बड़े पैमाने पर समाज से संबंधित हैं।

छोटी-छोटी बातों से प्रारंभ कर उनके अभ्यास के द्वारा इस आचरण को अपने स्वभाव में लाने का सतत प्रयास अवश्य करना होगा। जैसे, समाज के आचरण में, उच्चारण में संपूर्ण समाज और देश के प्रति अपनत्व की भावना प्रकट हो, प्रत्येक घर में सप्ताह में कम से कम एक बार पूजा या धार्मिक आयोजन हो एवं अपने परिवार के बच्चों के साथ बैठकर महापुरुषों के सम्बंध में सप्ताह में कम से कम एक घंटे चर्चा हो, परिवार के सभी सदस्यों में नित्य मंगल संवाद, संस्कारित व्यवहार व संवेदनशीलता बनी रहे, बढ़ती रहे व उनके द्वारा समाज की सेवा होती रहे, आदि बातों का ध्यान रखकर कुटुंब प्रबोधन जैसे विषय को आगे बढ़ाया जा सकता है।

अभाविप के कार्यकर्ता आने वाले दिनों में समाज के अभावग्रस्त बंधुओं की सेवा करने के साथ-साथ, इन पांच प्रकार की सामाजिक पहलों का आचरण स्वयं करते हुए समाज को भी उसमें सहभागी व सहयोगी बनाने का प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा व अंकित शुक्ला, प्रांत अध्यक्ष डॉ बृजेश मिश्रा क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही, मनीष राय प्रांत संगठन मंत्री, प्रांत मंत्री शिवा राजा बुंदेला, विक्रम अखिल भारतीय अग्रविशन प्रमुख, डॉ यतीन्द्र सिंह, प्रांत उपाध्यक्ष डॉ पवन त्रिपाठी,रसकेंद्र गौतम प्रांत कार्यकारणी सदस्य,अखिलेश तिवारी अग्रविशन प्रमुख, ज्ञानेंद्र विभाग संगठन मंत्री, शुभम जिला संगठन मंत्री, रानू देवलिया, अमित चिरवरिया, राजीव सेंगर, मनेंद्र सिंह गौर, भारती प्रजापति, राष्ट्रीय कला मंच संयोजक, हर्ष जैन प्रांत सेवार्थ विद्यार्थी सह संयोजक, प्रतिमा परमार, अरविंद परमार, डॉ बृजेश सिंह परिहार, डॉ गिरजा सिंह, डॉ रश्मि सेंगर,डॉ सुनीता,डॉ रानी शर्मा, सत्या चौधरी, अजय शंकर तिवारी,डॉ. शैलेंद्र तिवारी, डॉ अंकिता शर्मा, डॉ अनुराग, अंगिता, सहदेव, सुशांत श्रृंगऋषि, अभय ब्रह्मचा, तेजस प्रताप एवं विभिन्न जिलों से आए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दायित्वधारी कार्यकर्ता एवं छात्र उपस्थित रहे।

21 स्थानों पर पुष्पवर्षा कर किया गया शोभायात्रा का स्वागत

मुक्ता काशी मंच से शुरू हुई शोभा यात्रा का जगह जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बड़े ही अनुशासित ढंग से हाथों में केसरिया रंग का ध्वज लेकर चल रहे थे। शोभायात्रा किलोमीटरों तक लंबी थी। सभी 21 जिलों से आए छात्र व कार्यकर्ता हाथों में अपने जिले का बैनर भी थामे नजर आए। व्यवस्थित ढंग से अनुशासित यात्रा देख लोगों ने अभाविप की जमकर प्रसंशा की।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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