जयपुर, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने विवाहिता बेटी को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति का हकदार मानने वाले एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में दायर राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।
मामले से जुडे अधिवक्ता एसजे मूथा ने बताया कि एकलपीठ की याचिकाकर्ता मंजू लता के पिता पुलिस लाइन, बारां में एएसआई पद पर कार्यरत थे। ड्यूटी के दौरान 20 मार्च 2016 को उसके पिता की मौत हो गई। परिवार में अन्य कोई सक्षम आश्रित नहीं होने पर याचिकाकर्ता की मां ने मई 2016 में अपनी बेटी को मृतक पति के आश्रित के तौर पर अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए आवेदन किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उसका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि बेटी विवाहित है और वह अनुकंपा नियुक्ति की पात्र नहीं थी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वह अपने पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति की पात्र है। जिस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना और राज्य सरकार को उसे नियुक्ति देने के लिए कहा, लेकिन राज्य सरकार ने आदेश की पालना नहीं की। जिसे याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका के जरिए चुनौती दी। वहीं राज्य सरकार ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील की। अब खंडपीठ ने भी एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी है।
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(Udaipur Kiran)