धौलपुर, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजकीय महाविद्यालय धौलपुर में मंगलवार को दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी फ्यूचरिस्टिक अप्रोच फॉर विकसित भारत-2047 का समापन हो गया। समापन दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर एनके घोष सेवानिवृत आचार्य (अंग्रेजी) आगरा विश्वविद्यालय आगरा ने अपने उद्बोधन में बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा विरचित वन्दे मात्रम राष्ट्रीय गीत के निर्माण से जुडे ऐतिहासिक परिदृश्य का विश्लेशणात्मक विवेचन किया। यह गीत भारतीय जनमानस में सांस्कृतिक संचेतना जागृति हेतु आज भी समादृत है। उन्होंने कहा कि भारत का पूर्ण विकास तभी सम्भव है, जब भारतीय युवा स्वावलम्बी बने। संगोष्ठी में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं शैक्षिक संस्थानों से जुडे विषय विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से अपने शोध-पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया। महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर गिर्राज सिंह मीना द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों एवं विशिष्ट अतिथियों का माला एवं शॉल पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर आभार व्यक्त किया। आयोजन सचिव प्रो. सोहराब शर्मा द्वारा संगोष्ठी की दो दिवसीय रिपोर्ट का सारांश प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर री-मार्किंग्स (शोध-पत्रिका) के 50वें अंक का विमोचन किया गया। संगोष्ठी के अन्त में समन्वयक डॉ. राजेश शर्मा द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों, प्रतिभागियों, शोधार्थियों एवं महाविद्यालय स्टॉफ का आभार व्यक्त किया गया।
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(Udaipur Kiran) / प्रदीप