गुवाहाटी, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । असम मानवाधिकार आयोग (एएचारसी) ने कांग्रेस कार्यकर्ता अधिवक्ता मृदुल इस्लाम की मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। उल्लेखनीय है कि यह घटना 19 दिसंबर को गुवाहाटी में राज भवन चलो विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी।
यह प्रदर्शन असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और स्मार्ट मीटर लागू करने, अडाणी समूह से जुड़े कथित भ्रष्टाचार, मणिपुर संकट, और एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई थी।
इस विरोध प्रदर्शन में एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा, विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया, कार्यकारी अध्यक्ष जाकिर हुसैन सिकदर और वरिष्ठ नेता रिपुन बोरा जैसे कई प्रमुख नेता शामिल हुए थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया था, जिससे नेताओं सहित कई लोग प्रभावित हुए थे।
इसके अलावा, तीन पत्रकार भी आंसू गैस के चपेट में आ गए थे। सभी को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में इलाज के लिए भेजा गया था।
आयोग ने कामरूप (मेट्रो) के जिला मजिस्ट्रेट और गुवाहाटी सिटी पुलिस आयुक्त को घटना पर विस्तृत रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की समीक्षा के लिए 28 फरवरी, 2025 को सुनवाई की तारीख तय की गई है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश