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लक्ष्मी पुरी की अवमानना ​​याचिका पर टीएमसी सांसद साकेत गोखले को हाई कोर्ट का नोटिस

Delhi High Court File Photo

-साकेत गोखले को अपनी आमदनी और संपत्तियों का खुलासा करने वाले हलफनामा भी दाखिल करने का निर्देश

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए ट्वीट्स के मामले में हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 50 लाख रुपये का जुर्माना अदा नहीं करने पर सामाजिक कार्यकर्ता और तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को नोटिस जारी किया है। जस्टिस मनमीत प्रीतम अरोड़ा ने मामले की अगली सुनवाई 05 फरवरी 2025 को करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने साकेत गोखले को अपनी आमदनी और संपत्तियों का खुलासा करने वाले हलफनामा भी दाखिल करने का निर्देश दिया। लक्ष्मी पुरी की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की बेंच ने कहा कि 01 जुलाई को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वो लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में लक्ष्मी पूरी को 50 लाख रुपये का जुर्माना दें लेकिन इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। उसके बाद हाईकोर्ट ने साकेत गोखले को नोटिस जारी किया।

हाईकोर्ट ने 01 जुलाई को अपने आदेश में साकेत गोखले पर जुर्माना लगाने के साथ ही एक अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इस संबंध में अपना माफीनामा छापने को भी कहा था। लक्ष्मी पुरी ने 2021 में याचिका दायर किया था। पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि साकेत गोखले ने पुरी के आय का स्रोत पूछते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा था कि गोखले ने 13 जून 2021 और 23 जून 2021 को किए अपने ट्वीट में कहते हैं कि उन्हें पुरी की बेटी का नाम और उसे क्या-क्या दिया गया ये जानने का मौलिक अधिकार है। गोखले ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पुरी ने केंद्र सरकार की सैलरी से कुछ खरीदा जिसे वह जानना चाहता है।

मनिंदर सिंह ने कहा था कि जिस प्रकार टीवी एंकर द नेशन वांट्स टू नो (the nation wants to know) बोलते हैं वैसी ही गोखले ने भी कहा है आई वांट टू नो। ट्वीट में कहा गया था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जांच करनी चाहिए। वो इस तरीके से व्यवहार करता है जैसे वो ईडी और सीबीआई से ऊपर हो। उन्होंने ट्वीट किया था कि 2006 में वो डेपुटेशन पर जेनेवा राजदूत थे। ये गलत है। ट्वीट में कहा गया था कि उस समय उनकी सैलरी साढ़े दस लाख रुपये थी तो डेढ़ करोड़ रुपये की प्रोपर्टी जेनेवा में कैसे खरीदी। ये काले धन से खरीदा गया। मनिंदर सिंह ने कहा था की पुरी के पास जो भी संपत्ति है वो सार्वजनिक है। उनकी संपति ढाई मिलियन से घटकर डेढ़ मिलियन तक पहुंच गई है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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