नई दिल्ली, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर 20 जनवरी तक सजा निलंबित कर दी है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने सोमवार को स्वास्थ्य के आधार पर कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित करने का आदेश दिया।
सोमवार को सुनवाई के दौरान कुलदीप सेंगर की ओर से कोर्ट में बताया गया कि उन्नाव दुष्कर्म मामले में हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सजा को 20 जनवरी तक निलंबित करने का आदेश दिया है। उसके बाद जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने इस मामले में भी सजा को 20 जनवरी तक निलंबित कर दिया।
जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने 20 दिसंबर को दुष्कर्म के मामले में सजा को 20 जनवरी तक निलंबित करने का आदेश दिया था। डिवीजन बेंच ने एम्स की उस रिपोर्ट पर गौर किया था जिसमें कहा गया था कि सेंगर से मिलने आने वाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अस्पताल का नियमित संचालन बाधित हुआ और इससे मरीजों की देखभाल और गुणवत्ता से समझौता करना पड़ा। इस पर सेंगर के वकील ने कहा था कि ऐसी स्थिति आगे नहीं आएगी। उन्होंने कहा था कि सेंगर की तबीयत खराब होने की वजह से लोगों के मिलने का तांता लगा।
सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है। 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपितों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। 4 जून 2017 को दुष्कर्म पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में मौत हो गई थी।
20 दिसंबर 2019 को दुष्कर्म मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह