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सीसीपीए ने शुभ्रा रंजन आईएएस अध्ययन पर 2 लाख रुपये का लगाया जुर्माना

सीसीपीए के लोगो का फाइल फोटो

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीपीए ने इस संस्थान को तत्काल प्रभाव से ऐसे विज्ञापन का प्रकाशन बंद करने का निर्देश भी दिया है।

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में बताय कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के मद्देनजर मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के संबंध में भ्रामक विज्ञापन के लिए शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी के खिलाफ आदेश जारी किया है।

सीसीपीए ने शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना यूपीएससी सीएसई 2023 के परिणामों के संबंध में भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए लगाया गया है। सीसीपीए ने शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी के खिलाफ तत्काल प्रभाव से भ्रामक विज्ञापन को बंद करने का आदेश जारी किया है। ये निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

मंत्रालय के मुताबिक शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी ने अपने विज्ञापन में यह दावा किया है कि यूपीएससी सीएसई 2023 में टॉप 100 में 13 छात्र, टॉप 200 में 28 छात्र और टॉप 300 में 39 छात्र हैं। संस्थान ने अपने विज्ञापनों और लेटरहेड में शुभ्रा रंजन आईएएस और शुभ्रा रंजन आईएएस के छात्र जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिससे यह भ्रामक धारणा बनती है कि शुभ्रा रंजन एक आईएएस अधिकारी हैं अथवा थीं। बता दें कि किसी भी वस्तु अथवा सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जिससे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन होता है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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