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नटरंग ने प्रस्तुत किया ‘तीन अपाहिज’ का आकर्षक प्रदर्शन, समाज में व्याप्त गिरावट को दर्शाया

नटरंग ने प्रस्तुत किया ‘तीन अपाहिज’ का आकर्षक प्रदर्शन, समाज में व्याप्त गिरावट को दर्शाया

जम्मू, 22 दिसंबर (Udaipur Kiran) । रविवार को नटरंग ने एक विचारोत्तेजक नाट्य प्रस्तुति में प्रसिद्ध लेखक विपिन कुमार अग्रवाल द्वारा लिखित और नीरज कांत द्वारा निर्देशित हिंदी नाटक तीन अपाहिज को जीवंत किया। इस प्रस्तुति ने अपनी बौद्धिक गहराई और सामाजिक मुद्दों पर मार्मिक टिप्पणी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए नटरंग के निदेशक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने ऐसे गहन साहित्यिक कार्यों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा देश के प्रतिष्ठित लेखकों द्वारा लिखे गए तीन अपाहिज जैसे नाटक कलाकारों और दर्शकों दोनों के लिए अमूल्य हैं। उन्हें शहर में एक स्वस्थ सांस्कृतिक और साहित्यिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

स्ट्रीट लैंप की पृष्ठभूमि पर आधारित यह नाटक तीन पात्रों- कल्लू, खल्लू और गल्लू के इर्द-गिर्द घूमता है जो अपने आस-पास की दुनिया पर बेमतलब टिप्पणी करते हैं। अपने असंगत संवादों के माध्यम से नाटककार समाज, राजनीति और आध्यात्मिकता की दिशाहीन स्थिति की तीखी आलोचना करते हैं। कथा भ्रष्ट और दमनकारी व्यवस्था द्वारा युवाओं पर थोपे गए पक्षाघात को रेखांकित करती है जो उन्हें रूपक और शाब्दिक रूप से विकलांग बनाती है।

प्रतीकात्मक कहानी कहने के माध्यम से तीन अपाहिज स्वतंत्रता, नेतृत्व, राष्ट्रीय पहचान और सामाजिक उदासीनता के विषयों पर गहराई से चर्चा करता है। नाटक अपने दर्शकों को तेजी से आधुनिक होती दुनिया में मानवीय मूल्यों को नष्ट करने वाली सामूहिक थकान और निष्क्रियता पर चिंतन करने की चुनौती देता है। नटरंग द्वारा तीन अपाहिज का शक्तिशाली प्रदर्शन सामाजिक ठहराव से निपटने के लिए आत्मनिरीक्षण और कार्रवाई की आवश्यकता की एक कठोर याद दिलाता है। यह दर्शकों को समकालीन जीवन की अराजकता के बीच मानवता और उद्देश्य को पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता का संदेश देता है।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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