यमुनानगर, 22 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर प्रशासन के द्वारा यमुना नदी के पार बसे यमुनानगर के गांव पोभारी का रास्ता बंद किए जाने से ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर यमुना नदी को पार कर शहर में आने जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है।
गौरतलब है कि यमुना नदी के पार बसे यमुनानगर के गांव पोभारी के लिए एक मात्र रास्ता है जो उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर को हरियाणा के जिला यमुनानगर के कस्बे जठलाना को जोड़ता है। जठलाना खनन क्षेत्र होने के कारण इस गांव के रास्ते से खनन माफिया अवैध खनन वाहनों को लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा में आते जाते है।
कुछ दिन पहले इस रास्ते पर अवैध खनन वाहन से एक महिला की मृत्यु हो गई थी। जिसको लेकर शनिवार को सहारनपुर के जिला उपायुक्त मनीष बंसल और अन्य अधिकारी गांव पोभारी पहुंचे और जेसीबी मशीनें लगाकर इस रास्ते को दस फुट से भी अधिक गहरा खुदवा दिया। जिसके चलते यह रास्ता बंद हो गया। वहीं इन ग्रामीणों को भी यहां से जगह खाली करने के निर्देश दे दिए।
ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास यमुनानगर में आने जाने के लिए कोई और रास्ता नहीं है।
बच्चों और महिलाओं को सर्दी के मौसम में यमुना नदी के ठंडे पानी में जान जोखिम में डालकर आना जाना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन पर रोक लगाना प्रशासन का काम है और उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन गांव वालों के लिए रास्ता बंद करना गलत है और हम इसकी निंदा करते है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मामले को प्रशासन अपने स्तर पर बातचीत करें और इस रास्ते को चालू करवाएं।
(Udaipur Kiran) / अवतार सिंह चुग