देहरादून, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को 105 नियमित और 88 तकनीकी कोर्स की कमीशनिंग की रजत जयंती भव्यता के साथ मनाई गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर से 340 से अधिक अधिकारी अपने परिवार और दिवंगत शहीद साथियों के परिजनों के साथ पहुंचे।
11 दिसंबर 1999 का वह ऐतिहासिक दिन जब 557 जेंटलमैन कैडेट्स ने चेटवुड बिल्डिंग के पास ‘अंतिम पग’ पार कर सेना के लेफ्टिनेंट बनने की गौरवपूर्ण यात्रा शुरू की थी। इस कोर्स ने भारतीय सेना में बहादुरी, वीरता और व्यावसायिकता की अमिट छाप छोड़ी है। 32 अधिकारी देश की सेवा करते हुए शहीद हुए, जिनमें मेजर मोहित शर्मा (अशोक चक्र, सेना मेडल) और कैप्टन उमंग भारद्वाज (शौर्य चक्र) जैसे वीर शामिल हैं।
शहीदों को श्रद्धांजलि और प्रेरक अभियान
कार्यक्रम की शुरुआत आईएमए युद्ध स्मारक पर शहीद साथियों को श्रद्धांजलि देकर हुई। इसके बाद अधिकारियों ने चेटवुड बिल्डिंग और अपनी कंपनियों का दौरा कर अपने प्रशिक्षण के दिनों को याद किया। शहीदों के परिजनों ने इस आयोजन में शामिल होकर कोर्स की एकता और बलिदान की भावना को उजागर किया।
देश के लिए अनूठे योगदान
रजत जयंती समारोह से पहले कोर्स के सदस्यों ने कई प्रेरक गतिविधियां आयोजित कीं। इनमें 10,000 किमी. का अखिल भारतीय मोटर साइकिल अभियान, लेह में माउंट कांगयत्से 1 और 2 पर पर्वतारोहण अभियान, और 1,25,000 किमी. तक सामूहिक दौड़, साइक्लिंग और पैदल यात्रा के जरिए फिटनेस का संदेश फैलाना शामिल था।
सम्मान और संकल्प
कार्यक्रम का समापन शहीदों के परिजनों के सम्मान के साथ हुआ। अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण संस्थान आईएमए और देश के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए हर परिस्थिति में देश की सेवा करने का दृढ़ संकल्प दोहराया। भारतीय सैन्य अकादमी ने कोर्स के सभी अधिकारियों की सेवाओं और बलिदानों पर गर्व व्यक्त किया और उनके योगदान को राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बताया।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण