कोलकाता, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल और असम पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किए गए प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार-अल-इस्लाम (बांग्लादेश) से जुड़े आठ संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। पता चला है कि ये आतंकी भारत के उत्तर-पूर्व को शेष भारत से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर (जिसे ‘चिकन नेक’ के नाम से भी जाना जाता है) पर बड़े हमले की योजना बना रहे थे।
हमले की बड़ी साजिशरातभर हुई पूछताछ में पता चला कि ये आतंकी सिलीगुड़ी कॉरिडोर में समन्वित हमलों की योजना बना रहे थे, जिससे उत्तर-पूर्व के सात राज्यों के साथ देश का संपर्क बाधित हो सके। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि ये संगठन पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के प्रमुख हिंदू नेताओं को निशाना बनाना चाहता था। उनकी योजना 2015 में बांग्लादेश में एक ब्लॉगर की हत्या जैसे हमले को अंजाम देने की थी।
पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी सुप्रतिम सरकार ने शुक्रवार को बताया था कि गिरफ्तार आरोपितों में से अब्बास अली और मिनारुल शेख के पास से 16 जीबी पेन ड्राइव, जिहादी साहित्य और फर्जी पहचान पत्र बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि ये संदिग्ध मुर्शिदाबाद और अलीपुरद्वार जिलों में अपना आधार स्थापित कर रहे थे और इनका लक्ष्य उत्तर और दक्षिण बंगाल के साथ-साथ उत्तर-पूर्वी राज्यों में अस्थिरता फैलाना था।
इन संदिग्धों को पश्चिम बंगाल, केरल और असम पुलिस के संयुक्त अभियान में बुधवार को गिरफ्तार किया गया। मुर्शिदाबाद जिले से गिरफ्तार किए गए दो आरोपितों से मिली जानकारी के आधार पर पता चला कि यह संगठन अगस्त से सक्रिय था और मुर्शिदाबाद को अपने सदस्यों के लिए एक ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।
आतंकी संगठनों का गढ़ बनता मुर्शिदाबादएडीजी सुप्रतिम सरकार ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले को अंसार-अल-इस्लाम जैसे प्रतिबंधित संगठनों का ठिकाना बनाया जा रहा था। यह इलाका इन संगठनों के सदस्यों के लिए भारत में प्रवेश का प्रमुख मार्ग बनता जा रहा है। पुलिस ने इस मामले की जांच तेज कर दी है और अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है। यह गिरफ्तारी पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में आतंकी गतिविधियों को रोकने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर