Gujarat

द्वारका नगरी जहां डूबी थी, वहां मोरपंख का फ्लोटिंग लोगो बनाया

समुद्र के अंदर गोलाकार आकार में कुल 7 भागों में विभाजित, श्रीकृष्ण के प्रतीक समान मोरपंख आकार का फ्लोटिंग लोगों बनाया गया

द्वारका, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । वर्ल्ड सन्कन सिटी डे के उपलक्ष्य में शनिवार को द्वारका में श्रीकृष्ण जला जपा दीक्षा इवेन्ट का आयोजन किया गया। द्वारका शहर में गोमती नदी के किनारे पंचकुई बीच के समीप समुद्र में जिस जगह द्वारका नगरी के अवशेष मिले हैं, उस अरब सागर के अंदर जाकर स्कूबा डाइवर्स की टीम ने ह्यूमन फ्लोटिंग लोगो बनाया। विश्व भर में डूबे हुए शहरों के संरक्षण की थीम के साथ मोरपंख आकार का फ्लोटिंग इमेज बनाया गया।

समुद्र के अंदर डूबी द्वारका नगरी के अवशेषों समेत 5 हजार वर्ष पुराने द्वारकाधीश स्वरूप विराजमान श्रीकृष्ण के काल की महत्ता को विश्व फलक पर लाने के लिए जय द्वारका अभियान चलाया जाएगा। शनिवार काे आयाेजित कार्यक्रम में समुद्र के अंदर गोलाकार आकार में कुल 7 भागों में विभाजित, श्रीकृष्ण के प्रतीक समान मोरपंख आकार का फ्लोटिंग लोगों बनाया गया, जिसे आकाश से निहारते वक्त समुद्र के बीच गोलाकार 7 भाग के साथ मोरपंख से बना कलात्मक लोगा दिखाई देता है।

श्रीकृष्ण जला जपा दीक्षा इवेन्ट का आयोजन राज्य के पर्यटन विभाग, पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड और देवभूमि द्वारका जिला प्रशासन के सहयोग से आईटीएस 6एच डब्ल्यू ओ डब्ल्यू नाम के एनजीओ की ओर से द्वारका के सुदामा सेतु में आयोजित किया गया। इस इवेन्ट में राज्य के पर्यटन मंत्री मुलूभाई बेरा, विधायक पबुभा माणेक समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

दक्षिण भारतीय संस्था के जनरल सेक्रेटरी रविन्द्रनाथ के अनुसार दुनिया भर में अभी तक 15 नगर किसी ना किसी कारण से समुद्र में समा गए हैं। इन सभी 15 शहरों में द्वारका सबसे प्राचीन नगर है, जहां भगवान श्रीकृष्ण के शासन संबंधी प्रमाण हिंदू पौराणिक ग्रंथों में है। इस पुरातन संस्कृति को लंबे समय तक लोग जान सके इसके लिए जय द्वारका मिशन चलाया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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