Uttar Pradesh

गीता से ही भारत विश्व गुरु है : अशोक पाठक

पं अशोक पाठक

–चरित्र और नैतिकता व्यक्ति को बनाती है महान : सिस्टर बिस्ला–सेट एंथोनी गर्ल्स कालेज में गीता विज्ञान, कर्मयोग पर व्याख्यानप्रयागराज, 20 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं अशोक कुमार पाठक ने शुक्रवार को सेंट एंथोनी गर्ल्स इण्टर कालेज में “गीता विज्ञान और कर्मयोग“ पर विस्तार से प्रकाश डाला। बतौर मुख्य अतिथि पं अशोक कुमार पाठक ने कहा कि भारत विश्व गुरु के रूप में विख्यात है, क्योकि उसके पास गीता है। सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि गीता योगीराज भगवान श्री कृष्ण के द्वारा सम्पूर्ण मानव समाज को दिया गया ऐसा ज्ञानोपदेश है, जिसमे विश्व का सम्यक, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण संचालन सुखपूर्वक सुनिश्चित करने की विधि वर्णित है। उन्होंने कहा कि ज्ञानयोग, न्याय योग, भक्ति योग, सांख्य योग और राजयोग आदि का तार्किक सार्वभौमिक सम्यक ज्ञान गीता से प्राप्त होता है। उन्होने कर्म, अकर्म और विकर्म की व्याख्या करते हुए बताया कि व्यक्ति को जो काम करने योग्य हैं वह कर्म हैं और जो कर्म नहीं करने चाहिए वह अकर्म हैं। विहित कर्म के विपरीत कर्म को विकर्म कहते हैं। उन्होंने कहा कि गीता में कर्मो को संयमित और नियंत्रित करने के उपाय बताये गये हैं। गीता में कहा है कि ‘‘ध्यायतो विषयान्पुंसः संगस्तेषु उपजायते। संगात सं्जायते कामः काम क्रोधो भिजायते॥ क्रोधाद्भवति संमोहा, संमोहाद स्मृति विभ्रम। स्मृति भ्रंशाद बुद्धिनाशो बुद्धि नाशात प्रणश्वति। अर्थात विषयों का ध्यान करने से उनके संगत्व की इच्छा उत्पन्न होती है। संगत्व से कामना की और कामना पूर्ति में बाधा होने पर क्रोध की उत्पत्ति होती है। अशोक कुमार पाठक ने कहा कि क्रोध से मोह की और मोह से स्मृतिनाश की या भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है और स्मृति नाश होने पर बुद्धि का तथा बुद्धिनाश होने पर व्यक्ति का ही विनाश हो जाता है। उन्होंने कहा अत्यधिक विलासिता, स्वार्थ और भोग की प्रवृत्ति अन्याय, अशांति और अविवेक को जन्म देती है। जिससे सामाजिक क्लेष उत्पन्न होते है जो मानवता और प्राकृतिक संतुलन को भी संकट में डालते है। उन्होंने कहा कि न्यायपूर्ण व्यवस्था की स्थापना ही राज धर्म है और संस्कारों से धर्म में आस्था प्रगाढ़ होती है।प्रिन्सिपल बिस्ला ने कहा कि चरित्र और नैतिकता ही व्यक्ति को महान बनाती है। चरित्रवान नागरिकों से उन्नत राष्ट्र का निर्माण होता है। कार्यक्रम समापन पर सनातन एकता मिशन की ओर से छात्राओं और शिक्षकों को गीता का वितरण किया गया।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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