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पन्नू की धमकी पर भारते ने अमेरिका से उठाया राजदूत की सुरक्षा का मुद्दा

Randhir Jaiswal MEA

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।

भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की भारतीय राजदूत को दी गई धमकी पर अमेरिकी सरकार से उनकी सुरक्षा चिंताओं का मुद्दा उठाया है।

विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को धमकी दिए जाने के मामले में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया गया है।

उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह की धमकियां दी जाती हैं हम उन्हें गंभीरता से लेते हैं। इस संबंध में अमेरिकी सरकार से बात की गई है। हमें आशा है कि अमेरिकी सरकार हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के बैलस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के बारे में भारत अपने सुरक्षा हितों के प्रति पूरी तरह सजग है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि देश की सुरक्षा और हितों पर असर डालने वाले पूरे घटनाक्रम पर भारत गहरी नजर रखता है। इस संबंध में सभी आवश्यक उपाय भी किए जाते हैं।

प्रवक्ता से अमेरिकी सरकार की ओर से पाकिस्तान के बैलस्टिक मिसाइल से जुड़ी चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के बारे में पूछा गया था । उल्लेखनीय है कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि पाकिस्तान के बैलस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। इन संस्थाओं पर विनाशकारी हथियारों के प्रसार से जुड़े होने आरोप हैं।

इसके अलावा प्रवक्ता ने म्यांमार पर एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमारी स्थिति सुसंगत रही है। हम लोकतंत्र के माध्यम से हिंसा की समाप्ति और जातीय मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हैं। स्थिरता की वापसी की म्यांमार के नेतृत्व और स्वामित्व वाली होनी चाहिए और इसमें समावेशी शांति सुनिश्चित करने और म्यांमार में स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के विचारों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। म्यांमार के भूमि सीमा पड़ोसियों की भी कुछ विशेष चिंताएँ हैं।

लीबिया में एक सीमेंट फैक्ट्री में फंसे भारतीय मजदूरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय मजदूर दुबई के रास्ते बेंगाजी पहुंचे थे। वे बिना उचित दस्तावेजों के वहां गए थे और जब वे वहां उतरे तो उनके काम को लेकर कुछ मुद्दे थे।

उन्होंने कहा कि हमारा दूतावास सक्रिय है और हम श्रमिकों तक पहुंचे और उनकी मदद की है। हमने उनके भोजन, दैनिक जीवन की वस्तुओं की व्यवस्था की है। वे उचित दस्तावेज के बिना लीबिया गए थे। अब उन्हें देश से बाहर जाने के लिए परमिट की आवश्यकता है। दूतावास संपर्क में है लीबियाई अधिकारियों को उनके निकास परमिट की व्यवस्था करने में थोड़ा समय लग रहा है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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