Uttar Pradesh

परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव ने किया आधुनिक कैंसर शोध लैब का उद्घाटन

परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव कैंसर शोध लैब का उद्घाटन करते हुए

—कैंसर रोग के क्षेत्र में आधुनिक शोध को मिलेगी नई दिशा

वाराणसी,20 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच.) में शोध को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक शोध लैब की नई शुरुआत हुई है। कैंसर के क्षेत्र में आधुनिक शोध की दिशा में यह लैब अस्पताल के लिए मील का पत्थर साबित होगा । साथ ही इस लैब के जरिए कैंसर मरीज को किस तरह का इलाज दिया जाना चाहिए उसे जानने में भी मदद मिलेगी। शुक्रवार को अस्पताल में निर्मित डॉ. सुमति वी. भिड़े एनालिटिकल बेसिक ऐंड क्लीनिकल रिसर्च लैब का उद्धाटन परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. ए. के. मोहंती ने किया।

इस दौरान बताया गया कि किसी भी बीमारी के इलाज में दवा के साथ ही शोध की अहम भूमिका होती है। शोध के जरिए ही बीमारी के प्रभावी प्रबंधन के बारे में पता चलता है, बात जब कैंसर की हो, तो उसमें शोध की भूमिका और भी बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच में आधुनिक लैब की शुरुआत की गई है, जिसमें बायोरिपोजिटरी ऐंड टिश्यू बैंक, सेल कल्चर फैसिलिटी, जीन एडिटिंग इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है। यहां सैंपल को –196 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकेगा।

अस्पताल के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. रोहित कुमार ने बताया कि यह लैब कैंसर बायोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी और सेल्यूलर रिसर्च के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। साथ ही ट्रांसलेशनल रिसर्च में भी इसका अहम रोल है। इस समर्पित लैब के शुरुआत से संस्थान द्वारा बेसिक रिसर्च के क्षेत्र में किए जा रहे शोध को भी बढ़ावा मिलेगा। इलाज के क्षेत्र के साथ ही बीमारी के जल्द पहचान करने में भी मदद मिलेगी। अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि टाटा स्मारक केंद्र के तीन मुख्य उद्देश्य, सेवा, शिक्षा और शोध हैं। एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच. में इन तीनों उद्देश्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस लैब के शुरुआत से अब हमारे संस्थागत शोध को न केवल और गति मिलेगी, बल्कि इससे नए दवाइयों एवं तकनीक के क्षेत्र में हो रहे शोध को भी बढ़ावा मिलेगा। तकरीबन 3 करोड़ रुपये की लागत से इस लैब को तैयार किया गया है, जिसमें परमाणु ऊर्जा विभाग से मिली राशि, अस्पताल के फंड के साथ ही आदित्य विजन से मिले सी.एस.आर. फंड का इस्तेमाल किया गया है।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top