RAJASTHAN

बच्चों के लोकतांत्रिक अधिकारों का संरक्षण जरूरी: गुर्जर

jodhpur

जोधपुर, 20 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण अभियान के तहत जोधपुर संभाग के जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, बालोतरा, सिरोही जिलों की 22 स्वयंसेवी संस्थाओं, न्यायिक क्षेत्र के बाल अधिकार विशेषज्ञ, स्काउट गाइड सहित समदर्शी चिंतन वाली संस्थाओं की साझा सहभागिता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जोधपुर मुख्यालय पर एक निजी होटल के सभागार में हुआ। कार्यशाला में बच्चों के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया एवं संस्थाओं की भूमिका विषय से संबंधित मुद्दों पर गहन चिंतन किया गया।

कार्यशाला के प्रारंभ में कार्यशाला संयोजक ओसियां रेडी फाउंडेशन के डॉ. रवि प्रकाश ने सत्रवार वार्ताओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया तथा वार्ताकारों का परिचय करवाया। कार्यक्रम के प्रारंभ में बीज वक्तव्य के रूप में राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य गणपत गुर्जर ने आह्वान किया कि बदलते परिदृश्य में बालक के न्यायिक अधिकार और उनके संरक्षण की संस्थागत दायित्वबद्धता के साथ-साथ अभिभावक और सामान्य नागरिक भी यह उत्तरदायित्व पूर्वक उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का संरक्षण करें। गुर्जर ने कहा कि कार्यशाला में उभरकर आए मुद्दों को आयोग के समक्ष रखा जाएगा तथा उन पर विधिक दृष्टि से चिंतन किया जाएगा।

यूनिसेफ राजस्थान के संचार विशेषज्ञ अंकुश सिंह ने मीडिया में बच्चों व महिलाओं के मुद्दों पर हो रही रिपोर्टिंग के बारे में अपने सरोकारों को इंगित किया वही स्काउट गाइड के जिला सचिव डॉ. बीएल जाखड़ ने सोशल मीडिया में अवांछित सामग्री को तकनीकी रूप में नियंत्रित करने की शासन से अपेक्षा को रूपांकित किया। मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जमील कागजी ने बाल श्रम में लिप्त बच्चों के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखें वही राजस्थान उच्च न्यायालय की बाल सुरक्षा समिति के सलाहकार राकेश चौधरी ने उच्च न्यायालय की बाल सुरक्षा समिति का परिचय देते हुए बाल अधिकारों की संबंध में न्यायिक पक्ष को विस्तार से बताया। विजय गोयल ने संभाग के जिलो में बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के बारे में सिलसिलेवार तथ्य प्रस्तुत किए। यूनिसेफ के संजय निराला ने बच्चों की न्यायिक प्रक्रिया में आ रही चुनौतियों तथा उसके निराकरण में संस्थाओं की भूमिका पर विचार प्रकट किए।

बाल कल्याण समिति जोधपुर के अनिल मरवण ने जुवेनाइल जस्टिस की पेचीदगियों से बाहर निकलकर बाल अधिकारों की रक्षा के लिए शासन, संस्थागत एवं व्यक्तिगत प्रयासों की आवश्यकता को प्रतिबिंबित किया। गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी पीआर खींची ने बालकों विधिक संरक्षण संबंधी प्रावधानों की जानकारी दी।

बालोतरा से आए बाल अधिकार कार्यकर्ता मांगीलाल ने कार्यशाला का सारपत्र प्रस्तुत करते हुए सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अंत में रेडी फाउंडेशन के लक्ष्य बाल संस्कार केंद्र कैलेंडर का विमोचन किया गया।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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