छात्राें काे नहीं थी गीले-सूखे कचरे की जानकारीनर्स काे आग बुझाने वाले यंत्राें की नहीं थी जानकारीडायलसिस वार्ड में मिले एक्सपायर डेट सिलेंडर
जींद, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नागरिक अस्पताल की व्यवस्था जांचने पहुंची कायाकल्प टीम काे यहां औचक निरीक्षण के दाैरान ढेराें खामियां मिली। टीम में सीएचसी भूना से एमओ डा. योगेश यादव, पीएचसी भिरडाना से डा. घनश्याम, सीएचसी भूना से डा. हीना शामिल रही। हालांकि टीम के आने का पहले से ही अस्पताल प्रशासन को पता था। जिसके चलते तैयारियां पहले से की गई थी। टीम ने अपने औचक निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को अस्पताल प्रशासन से अवगत करवाया।
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की और से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल व पेंशेंट केयर से संबंधित कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जो अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है उसे कैश अवार्ड दिया जाता है। अब टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर रैंक दिया जाएगा और रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी। अगर जींद अस्पताल को 80 से अधिक अंक मिलते हैं तो कैश पुरस्कार पक्का होगा। जिससे सुविधाएं और बेहतर की जा सकेंगी। कायाकल्प टीम ने निरीक्षण की शुरूआत इमरजेंसी वार्ड से की। यहां कर्मियों से रेड, यैल्लो जोन के बारे में जानकारी हासिल की। कई जगह टीम के सदस्य संतुष्ट मिले तो कई जगह असंतुष्ट नजर आए।
इसके बाद टीम लैब में पहुंच और मशीनों के बारे में कर्मियों से जानकारी हासिल की। दवा वितरण कमरे और नेत्र चिकित्सक रूम के यहां जांच करने के बाद टीम टीकाकरण कक्ष में पहुंची। यहां काम करते मिले स्टूडेंट्स से गीले व सूखे कचरे के बारे में जानकारी हासिल की तो वो सही तरीके से जानकारी नही दे पाए। यहां डस्टबीन के ठीक से रखरखाव के निर्देश दिए गए। टीम नई बिल्डिंग में ही बने ब्लड बैंक में पहुंची। यहां टीम ने मरीजों के एंट्री रजिस्टर की जांच की तो टीम हतप्रभ रह गई। एक ही पैन से एक साथ एंट्री दर्ज पाई गई। जिस पर टीम ने इसे दुरूस्त करने के लिए कहा।
स्टरलाइजेशन रूम में मशीन सेपरेश पर टेप लगी नही´ मिली। जिस पर टीम ने मशीन पर टेप लगाने के निर्देश दिए। टीम को डायलिसिस वार्ड में एक्सापायरी डेट का सिलेंडर मिला। जिसे तुरंत प्रभाव से बदलने के आदेश दिए गए। मेडिकल वार्ड में सफाई कर्मियों से स्वच्छता को लेकर पूछताछ की तो वो टीम को संतुष्ठ नही कर पाए। वहीं नर्स से आग बुझाने के बारे में पूछा तो वो भी सही से जवाब नही दे पाई। जिस पर टीम ने तुरंत प्रभाव से कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग करवाने के निर्देश दिए। डिप्टी सीएमओ डा. पालेराम कटारिया ने कहा कि अस्पताल की साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायोमेडिकल वेस्ट, डिस्पोजल व पेशेंट केयर से संबंधित हर तरह से सही तरीके से लागू करने की कोशिश की हे। टीम अस्पताल प्रशासन से संतुष्ट होकर लोटी है। कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर पुरस्कार जीतेगा।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा