‘कंप्रिहेंसिव हैंड्स ऑन वर्कशॉप ऑन एनएमआर एंड एचपीएलसी टेक्नीक्स’ पर कार्यशाला सम्पन्नहिसार, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि आधुनिक वैज्ञानिक शोधों की गुणवत्ता स्थापित करने के लिए नवीनतम शोध उपकरणों का ज्ञान होना आवश्यक है। एनएमआर तथा एचपीएलसी आधुनिक शोध की महत्वपूर्ण तकनीक हैं। विशेषकर नववैज्ञानिकों को इन तकनीकों की जानकारी होना आवश्यक है। प्रो. नरसी राम बिश्नोई शुक्रवार को विश्वविद्यालय के डा. एपीजे अब्दुल कलाम सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी (सीआईएल) के सौजन्य से ‘कंप्रिहेंसिव हैंड्स ऑन वर्कशॉप ऑन एनएमआर एंड एचपीएलसी टेक्नीक्स’ पर सम्पन्न हुई कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए इस समारोह की अध्यक्षता सीआईएल के निदेशक एवं कार्यशाला के संयोजक प्रो. मनीष अहुजा ने की। इस अवसर पर इस तीन दिवसीय कार्यशाला के संयोजक सचिव प्रो. सी.पी.कौशिक व प्रो. मनीष कुमार मंच पर उपस्थित रहे।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं तकनीकी कौशल सीखने के साथ-साथ ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए मंच भी प्रदान करती हैं। विषय विशेषज्ञों द्वारा दिया गया सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक ज्ञान प्रतिभागियों के शैक्षणिक तथा तकनीकी कौशल में वृद्धि करेगा, जिससे प्रतिभागी भविष्य में राष्ट्र उपयोगी शोध के लिए न केवल प्रेरित होंगे, बल्कि शोध के मार्गदर्शक भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों की सम्पूर्ण क्षमताओं के प्रयोग के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें तकनीकों तथा उपकरणों का पूर्ण ज्ञान हो। प्रो. मनीष अहुजा ने कार्यशाला की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों को एनएमआर तथा एचपीएलसी तकनीकों के इंस्ट्रूमेंटेशन तथा एप्लीकेशंस के बारे में जानकारी दी गई। यह कार्यशाला प्रतिभागियों के कौशल तथा क्षमता निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। प्रतिभागी पूजा, सोनू कुलकर्णी, अरूण सिंह, मुकुल मिश्रा, मनीषा, आदित्य राय तथा हिमांशु ने कार्यशाला के दौरान के अपने अनुभव सांझा किए तथा कहा कि कार्यशाला में सीखी गई तकनीक उनके लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होंगी। उन्होंने हर पहलू से कार्यशाला की प्रशंसा की वहीं सुझाव भी दिए।प्रो. सीपी कौशिक ने सभी का धन्यवाद किया और बताया कि इस दौरान विशेष व्याख्यानों, प्रदर्शनियों तथा हैंड्स ऑन ट्रेनिंग आदि के माध्यम से उच्च स्तरीय विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। समारोह में विषय विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया तथा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर