– सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना के लिए हर हिंदू को एकजुट होने की आवश्यकता हरिद्वार, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में आयोजित विश्व धर्म संसद के दूसरे दिन संतों और प्रबुद्ध नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए अलग राष्ट्र की मांग की। उन्होंने एक स्वर में यह आह्वान किया कि मोदी सरकार इन देशों में हिंदुओं के सुरक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई करें और इन देशों का बंटवारा करके हिंदुओं के लिए एक अलग राष्ट्र की स्थापना करें। संतों और जनसमुदाय ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को हिंदुओं का नेता मानते हैं तो उन्हें बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं के लिए अलग राष्ट्र की स्थापना के लिए तुरंत कदम उठाना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते तो यह हिंदू समाज के लिए विश्वासघात होगा और उनकी नेतृत्व की विश्वसनीयता पर सवाल उठेगा। विश्व धर्म संसद के आयोजकों ने इस मौके पर उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ा आक्रोश व्यक्त किया। संतों का आरोप था कि राज्य के अधिकारी धर्म संसद के आयोजन में व्यवधान डाल रहे हैं, जिससे सनातन धर्म का अपमान हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी अब सनातन धर्म के मजाक का कारण बन चुके हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने सभा में कहा कि हम हिंदुओं की सबसे बड़ी दुर्दशा का कारण यही है कि हमारा कोई अपना राष्ट्र नहीं है। अगर हम सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना में असफल होते हैं तो दुनिया में सनातन धर्म का विनाश कोई नहीं रोक पाएगा। हमें अब इस लक्ष्य के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने संकल्प लिया कि सनातन वैदिक राष्ट्र में एक भी मस्जिद, मदरसा और जिहादी का स्थान नहीं होगा और यह राष्ट्र हर सनातनी का संरक्षण करेगा, जैसे इजराइल अपने यहूदी नागरिकों का करता है। अयोध्या हनुमान गढ़ी के श्रीमहंत राजू दास ने भी विश्व धर्म संसद को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार और उसके अधिकारियों द्वारा आयोजन में विघ्न डालना सनातन धर्म का अपमान है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से इस मामले का संज्ञान लेने और इन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध किया। सभा में एकजुट हुए संतों ने यह भी कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए अब कोई भी बलिदान देने से पीछे नहीं हटेंगे। उनके अनुसार, सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना हिंदू समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य बन गया है और इसके लिए सभी हिंदू एकजुट होकर काम करेंगे। अब हिंदू समाज अपने अधिकारों और धर्म की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार है।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला