Uttrakhand

ललिताम्बा माता की 18वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि, महंत दुर्गेशानंद ने त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति बताया

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए

हरिद्वार, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । श्रीमानव कल्याण आश्रम की संस्थापिका ललिताम्बा माता की 18वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को महंत स्वामी दुर्गेशानंद महाराज के सानिध्य में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर महंत स्वामी दुर्गेशानंद ने ललिताम्बा माताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह त्याग, तपस्या और धर्म की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने गौ रक्षा आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई और जेल यात्रा तक की थी। स्वामी दुर्गेशानंद ने कहा कि ललिताम्बा माताजी की देन से श्रीमानव कल्याण आश्रम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र अस्तित्व में आए, जो आज भी सनातन हिन्दू धर्म को समर्पित सेवा और धार्मिक अनुष्ठानों का केन्द्र बने हुए हैं।ललिताम्बा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने माताजी की विशाल व्यक्तित्व की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य हमेशा संत समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। शंकराचार्य चौक की स्थापना और बद्रीनाथ स्थित श्री मानव कल्याण आश्रम की व्यवस्था में उनका योगदान अमूल्य था।इस अवसर पर श्रीमानव कल्याण आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी ने संतजनों का स्वागत करते हुए आश्रम के उद्देश्य और कार्यों को साझा किया। कार्यक्रम में महंत योगेन्द्रानंद शास्त्री, स्वामी कृष्णानन्द, महंत श्याम प्रकाश, स्वामी हरिहरानन्द और अन्य संतजनों ने भी ब्रह्मलीन संयासिनी ललिताम्बा माताजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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