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एडवोकेट अनिल वशिष्ठ चौथी बार अलवर बार एसोसिएशन के बने अध्यक्ष

अलवर। अनिल  वशिष्ठ

अलवर, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल वशिष्ठ अलवर जिले की बार एसोसिएशन के चौथी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। इस बार उन्होंने 281 वोटो से जीत हासिल की हैं। उनके अध्यक्ष चुने जाने से अधिवक्ताओं और न्यायिक प्रणाली से जुड़े लोगों के बीच खुशी की लहर है। यह उनका चौथा कार्यकाल है, जब वे इस प्रतिष्ठित पद पर आसीन हुए हैं।

वशिष्ठ ने बीएससी की शिक्षा पूरी करने के बाद कानूनी क्षेत्र में कदम रखा और जल्द ही अपने कुशल नेतृत्व और अद्वितीय कार्यशैली के लिए पहचान बनाई। वे पिछले 24 वर्षों से अलवर जिले में वकालत कर रहे हैं और अपनी कार्यकुशलता के कारण अधिवक्ताओं के बीच एक सम्मानित स्थान रखते हैं। वह पहली बार 2014 में, दूसरी बार 2017 में और तीसरी बार सन 2021 में अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए थे।

अलवर का चर्चित फलाहारी महाराज वाला मामला जो देशभर के मीडिया की सुर्खियों में रहा। उस मामले में एडवोकेट अनिल वशिष्ठ द्वारा पीड़िता की ओर से निशुल्क पैरवी की गई। करीब 9 महीने पैरवी कर पीड़िता को न्याय दिलाया। इस चर्चित मामले के कारण एडवोकेट अनिल भी अलवर सहित देशभर में चर्चा में आ गए।

एडवोकेट अनिल का कहना है कि उनका एक सिद्धान्त यह भी है कि वे कभी भी अबोध बालिका से दुष्कर्म करने वाले आरोपियों की पैरवी नहीं करते। इसके लिए कोई कितनी ही मोटी फीस उन्हें देना चाहे तो भी वे आरोपियों की पैरवी स्वीकार नहीं करते। जबकि पीड़िता की तरफ से पैरवी करने के लिए वह हमेशा तैयार रहते हैं। उनका कहना है कि किसी भी पेशे में रहते हुए हमेशा इंसान को समाज के शोषित वर्ग के लिए कार्य करना चाहिए।

वशिष्ठ ने अपने कार्यकाल के दौरान अधिवक्ताओं के हित में कई सुधारात्मक कदम उठाए थे । वे अधिवक्ताओं के लिए बेहतर सुविधाओं, लाइब्रेरी और डिजिटल संसाधनों के विकास में सक्रिय रहे हैं।

वशिष्ठ ने हमेशा युवा वकीलों को प्रेरित किया और उनके लिए कार्यक्रम आयोजित किए। उनका कहना है कि युवाओं के लिए वकालत क्षेत्र में सुनहरा भविष्य है। धैर्य व ईमानदारी के साथ इस पेशे को अपनाएंगे तो सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि हमेशा न्याय व्यवस्था के पक्ष में खड़े रहे। साथ ही जिंदगी में अपना कोई सिद्धान्त अवश्य बनाये और उस पर हमेशा खरे उतरे।

अनिल वशिष्ठ शहर के काला कुआँ निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय से प्राप्त की और कानून की पढ़ाई अलवर में ही सन 2001 में पूरी की। कानून के क्षेत्र में आने से पहले वे छात्र राजनीति के साथ सामाजिक गतिविधियों में भी जुड़े रहे हैं। उनका सरल स्वभाव और न्यायिक मामलों में कुशलता उन्हें अन्य अधिवक्ताओं से अलग बनाता है।

अध्यक्ष बनने के बाद अनिल वशिष्ठ ने कहा, मैं बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया। मैं अलवर में न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए प्रयास करूंगा। अधिवक्ताओं के लिए बेहतर कार्य वातावरण और प्रशिक्षण के लिए नई योजनाओं पर काम करूंगा।

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(Udaipur Kiran) / मनीष कुमार

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