जबलपुर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बहुचर्चित अंतरधार्मिक विवाह (इंटर रिलीजन मैरिज) आवेदन मामले पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद अब अंकिता और हसनैन की शादी का रास्ता साफ हो गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैथ और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धारा 4 के तहत प्रेमी जोड़े को शादी का अधिकार है। लिहाजा दोनों शादी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले इंदौर की रहने वाली अंकिता और जबलपुर के पास सिहोरा के हसनैन अंसारी ने विवाह करने के लिए जबलपुर अपर कलेक्टर की कोर्ट में आवेदन दिया था। जिसको लेकर हिंदू संगठन सहित लड़की के माता-पिता ने जमकर हंगामा भी किया था। शादी के विरोध में सिहोरा तहसील को बंद भी किया गया था। शादी 12 नवंबर 2024 को होने वाली थी, लेकिन हिंदू संगठन इस शादी के खिलाफ था। लड़की के पिता ने उच्च न्यायालय में शादी रुकवाने की अपील की थी। इससे पहले इस इंटर रिलीजन प्रेमी जोड़े ने जबलपुर में मैरिज रजिस्ट्रार की कोर्ट में अपनी शादी का आवेदन दिया था लेकिन ये आवेदन सोशल मीडिया में वायरल हो गया था।
जबलपुर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धारा 4 के तहत अलग-अलग धर्म वाले प्रेमी जोड़े की शादी हो सकती हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई पर्सनल लॉ इंटर रिलीजन शादी के आड़े आता भी है तो स्पेशल मैरिज एक्ट से मिली शादी की छूट को ही प्रभावी माना जाएगा। इसी टिप्पणी के साथ कोर्ट ने शादी रुकवाने की युवती के पिता की मांग को भी खारिज कर दिया।
कोर्ट ने पाया कि हिंदू युवती और मुस्लिम युवक बीते 5 सालों से आपसी रज़ामंदी से लिव इन रिलेशनशिप में हैं। लिहाजा वे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी कर सकते हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को ये निर्देश भी दिए हैं कि वो मैरिज रजिस्ट्रार के सामने दोनों की शादी निर्विघ्न करवाने में हर संभव मदद मुहैया करवाए। हाई कोर्ट ने स्पेशल मैरिज एक्ट में दोनों की शादी को वैध ठहराकर पूरे विवाद का पटाक्षेप कर दिया हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर