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टेरर फंडिंग मामले के आरोपित सांसद इंजीनियर रशिद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई अभी पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में ही होगी

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और सांसद इंजीनियर रशिद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई अभी पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में ही होगी। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विमल यादव ने इस मामले को पहले से सुनवाई कर रहे एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह की कोर्ट में वापस भेज दिया है। एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह कल यानि 20 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई करेंगे।

प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने ये आदेश इस मामले के सभी आरोपितों और एनआईए की सहमति के बाद दिया। इसके पहले एनआईए और इंजीनियर रशिद ने इस मामले की सुनवाई पटियाला कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में ही करने पर सहमति जताई थी। दरअसल, एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 21 नवंबर को रशिद इंजीनियर से जुड़े मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद इस मामले की सुनवाई प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज कर रहे थे।

एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने कहा था कि इस मामले के आरोपित रशिद इंजीनियर अब सांसद हो चुके हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई उस कोर्ट में ट्रांसफर होनी चाहिए जो एम-एमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई करती है।

बतादें कि रशिद इंजीनियर ने 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। 10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने रशिद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद से कोर्ट रशिद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी। रशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है। रशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षाबलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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