गोरखपुर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत ने उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल मचा दी है। लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हुई उनकी संदिग्ध मौत ने न केवल एक परिवार को दुखों के सागर में धकेला, बल्कि प्रशासन और सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। गुरुवार को गोरखपुर के देईपार गांव में जब प्रभात का अंतिम संस्कार हुआ, तो वहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
अजय राय ने कहा, यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह सरकार की विफलता और पुलिस की बर्बरता का परिणाम है। प्रभात पांडेय कांग्रेस का सच्चा सिपाही था, जिसने अपनी आवाज उठाई और बदले में उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
अजय राय ने इस घटना को लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, यहां जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। सरकार ने पुलिस को अपना हथियार बना लिया है और आवाज उठाने वालों को कुचला जा रहा है। लेकिन कांग्रेस डरने वाली नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, प्रभात की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि लोकतंत्र की हत्या है। यह सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए विरोधियों की आवाज दबा रही है। कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी और इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।
जब अजय राय चिता की ओर बढ़े, तो कुछ लोगों ने विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस दुखद घटना को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है। इस पर अजय राय ने कहा, हम राजनीति करने नहीं, श्रद्धांजलि देने आए हैं। हम भी ब्राह्मण हैं और वो भी 24 कैरेट वाले। हम झूठे नहीं हैं। जब भी हमारे कार्यकर्ताओं को जरूरत होगी, अजय राय आधी रात को भी हाजिर मिलेगा।
उनकी इस बात ने न केवल विरोध करने वालों को शांत किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है।
कांग्रेस ने प्रभात के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। अजय राय ने कहा, प्रभात ने पार्टी के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। कांग्रेस परिवार के साथ खड़ी है और न्याय के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
प्रभात: कांग्रेस का युवा चेहरा
प्रभात पांडेय गोरखपुर के देईपार गांव के रहने वाले थे और कांग्रेस के युवा संगठन में सक्रिय सदस्य थे। वे पार्टी के हर आंदोलन और कार्यक्रम में भाग लेते थे। हाल ही में, वे लखनऊ में अपने चाचा के साथ रहकर पढ़ाई कर रहे थे और कंप्यूटर कोर्स कर रहे थे।
उनके परिवार के मुताबिक, प्रभात कांग्रेस के प्रति समर्पित थे और समाज में बदलाव लाने का सपना देखते थे। उन्होंने हमेशा जनता के मुद्दों को उठाया और गरीबों की मदद के लिए काम किया। अजय राय ने प्रभात की मौत के लिए पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, प्रभात की मौत प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता का नतीजा है। प्रशासन ने उनकी हत्या कराई है और अब सच्चाई छुपाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। पुलिस ने इस घटना के बाद कांग्रेस कार्यालय पर छापा मारा और सीसीटीवी फुटेज जब्त किए। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि यह सरकार की रणनीति है ताकि घटना को दबाया जा सके।
अजय राय ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा, हम हर मंच पर आवाज उठाएंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो सड़कों पर उतरकर इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
सरकार के खिलाफ कांग्रेस का रुख
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह सरकार की असंवेदनशीलता और तानाशाही का प्रतीक है। कांग्रेस ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है और कहा है कि वह हर कीमत पर न्याय सुनिश्चित करेगी।
अजय राय ने कहा, प्रभात जैसे कार्यकर्ता कांग्रेस की रीढ़ हैं। उनकी मौत ने हमें और मजबूती दी है कि हमें इस तानाशाही के खिलाफ लड़ाई को तेज करना होगा। यह लड़ाई केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है।
प्रभात पांडेय की मौत ने कांग्रेस को एक नई ऊर्जा दी है। पार्टी ने ऐलान किया है कि वह इस घटना को हर मंच पर उठाएगी और दोषियों को सजा दिलाने तक चैन से नहीं बैठेगी। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं है, बल्कि यह उस विचारधारा पर हमला है, जो न्याय, समानता और लोकतंत्र की बात करती है। कांग्रेस ने इस घटना को अपनी लड़ाई का आधार बनाते हुए कहा है कि यह संघर्ष केवल शुरुआत है।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय