शिमला, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । ऊना जिले के पेखूबेला में सुक्खू सरकार ने रिकार्ड समय में स्थापित किए गए सोलर पाॅवर प्लांट की स्थापना में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पेखूबेला सोलर पाॅवर प्लांट देश के अन्य हिस्सों में स्थापित प्लांट की तुलना में काफी सस्ता है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट राजस्थान और गुजरात में स्थापित इसी तरह के प्लांट की तुलना में 25 फीसदी कम लागत पर स्थापित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने इस सोलर प्लांट पर सफाई के दौरान यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ने जंगली मुर्गा विवाद में किसी पर एफआईआर दर्ज नहीं करवाई है। उन्होंने चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा को सलाह दी कि वह उन लोगों से बात करे, जिसने ऐसा किया और सरकार भी बात करने का प्रयास करेगी।
पेखूबेला सोलर प्लांट मामले पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार को इस बात का फक्र है कि उसने ऊना जिला को बिजली उत्पादन वाला जिला बनाया है। अग्निहोत्री ने कहा कि अभी तक केवल हाईडल प्रोजेक्ट की बात होती थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने सोलर पाॅवर प्रोजेक्ट लगाकर एक नई शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सरकार काम कर रही है और वह काम करते हुए आलोचनाओं से नहीं घबराती।
सरकार पर टूट गया है भरोसा : जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पेखूबेला पाॅवर प्लांट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा दी गई सफाई पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार पर विपक्ष का भरोसा टूट गया है और भाजपा मुख्यमंत्री के रखे गए तथ्यों की जांच करने के बाद ही इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी देगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुक्खू सरकार के सत्ता में दो वर्ष पूरा होने पर उसका जवानी का दौर निकल गया है। इसलिए अब मुख्यमंत्री संभल कर चलें, क्योंकि दो साल बाद अक्सर प्रदेश में किसी भी सरकार को समस्याएं आनी आरंभ हो जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में दो साल से कांग्रेस की सरकार है और यदि उसे पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के किसी भी काम पर संदेह है तो वह आरोप लगाने के बजाय जांच करवाए। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में एक ऐसी आउटसोर्स एजेंसी पंजीकृत हुई है जो नौकरी देने से पहले ही युवाओं से पैसे ले रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा