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मुनाफे का सौदा साबित हो रही स्ट्रॉबेरी की खेती, रबी में किसान कर रहे उत्पादन

चित्तौड़गढ़ जिले के सुदरी गांव में तैयार स्ट्रॉबेरी का खेत।

चित्तौड़गढ़, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आमतौर पर किसान परम्परागत फसलों को उगाते है लेकिन मौसम की प्रतिकूलता के चलते कई बार किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। कभी बारिश, कभी ओले तो कभी सूखे की मार का असर परम्परागत खेती पर पड़ता है। यही कारण है कि किसान परम्परागत खेती को छोड़ कर कम लागत और अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर रूख कर रहे है। इसी तरह चित्तौड़गढ़ जिले में भी अब स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों में लोकप्रिय होती जा रही है। आमतौर पर ठंडे प्रदेशाें में होने वाली खेती चितौड़गढ़ जिले में भी होने लगी है। पहले कुछ जिलों ही किसान सीमित क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे। लेकिन अब दूसरे किसान भी इस खेती में अपनी रूचि दिखाने लगे है।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले में करीब 3 दर्जन से अधिक किसान 10 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में इसकी खेती करने लगे है। जिले की मिट्टी और वातावरण इस खेती के अनुकूल साबित होती नजर आ रही है।

रबी का फसल में शामिल है स्ट्रॉबेरी की खेती

स्ट्रॉबेरी की खेती आम तौर पर 30 डिग्री तापमान तक ही में होती है। ऐसे में किसान रबी के सीजन में इसकी खेती करते है, जिससे अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिल सकता है। शीतोष्ण जलवायु में पाए जाने वाला यह फल आम तौर पर ठंडे प्रदेशाें में होता है। लेकिन अब कृषि वैज्ञानिकों के प्रयासों से विभिन्न तरह की किस्में विकसित हो गई है। इससे गर्म इलाकों में भी इसकी खेती हो रही है। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए एक मीटर चौड़ी और 20-25 सेंटिमीटर मेड़ तैयार की जाती है, जिस पर स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाया जाता है। नाजुक फल होने के कारण स्ट्रॉबेरी के फलों को छोटे-छोटे डिब्बों में खेत में ही पैक कर सप्लाई किया जाता है। तुरंत बाजारों में बेचा जाता है, जिससे फल खराब न हो।

सितम्बर से नवम्बर तक कर रहे बुवाई

स्ट्रॉबेरी के पौधों की बुआई सितम्बर से नवम्बर के बीच हो सकती है और तीन माह के समय में फल प्राप्त किए जाते है। स्ट्रॉबेरी के फलों से ज्यूस, आइसक्रीम, जैम, टॉफिया आदि बनाई जाती है। वहीं स्ट्रॉबेरी से कई ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनाए जाते है। स्वास्थ्य के लिहाज से स्ट्रॉबेरी खाना बेहद लाभकारी माना गया है।

प्रति बीघा डेढ़ लाख तक होता है मुनाफा

विटामिन सी से भरपूर स्ट्रॉबेरी के इस फल में प्रति बीघा डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा हो सकता है। चित्तौड़गढ़ जिले के निकटवर्ती सुदरी गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे किसान मुकेश बताते है कि यह खेती किसानों के लिए काफी लाभप्रद है। इसमें एक बीघा में डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त हो रहा है।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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