Uttrakhand

पहाड़ की संस्कृति को नए आयाम, सांस्कृतिक मेलों से समाज को जोड़ने की जरूरत

पोखरी मेले में मुख्य अतिथि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष करन माहरा का स्वागत करते हुए।

– कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मेलों में प्राचीन संस्कृति पर चर्चा की आवश्यकता बताई – बोले, मेलों के मंच पर प्राचीन संस्कृति पर चर्चा होनी चाहिए तभी हमारी संस्कृति आगे बढ़ेगी गोपेश्वर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के पोखरी में चल रहे सात दिवसीय हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग मेले के पांचवे दिन गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मेलों के मंच पर प्राचीन भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रसार पर जोर दिया।बतौर मुख्य अतिथि करन माहरा ने कहा कि हमारे मेलों के मंच पर हमारी प्राचीन संस्कृति पर चर्चा होनी चाहिए, तभी हमारी संस्कृति आगे बढ़ सकती है। इस प्रकार के आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं।प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गढ़वाल वीरों की भूमि के लोग संघर्षशील हैं और उनकी मेहनत से ही यह क्षेत्र प्रगति कर सकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार की खामियों पर भी बात की और पुराने पेंशन की बहाली को लेकर उठाए गए सवालों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के बिना प्रदेश और देश की प्रगति संभव नहीं है।वहीं, विधायक लखपत बुटोला ने भी प्रदेश अध्यक्ष की सराहना करते हुए कहा कि करन माहरा ने पहाड़ की पीड़ा के लिए जो संघर्ष किया है वह हमेशा पहाड़ी जनता के दिलों में रहेगा। बुटोला ने मेले में गांव-गांव की महिलाओं के सहयोग की सराहना की और सभी को आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर हर्षवर्धन थपलियाल, अर्जुन नेगी, डॉ. बृजेन्द्र कठैत, देव बर्त्वाल, चक्रधर चमोला, रवींद्र नेगी, हनुमंत नेगी, पूरणसिंह, बीरेंद्र रावत, गिरीश सती, हरी कृष्ण भट्ट, प्रमोद बिष्ट आ​दि उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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