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शिल्पग्राम महोत्सव में दर्शकों को रिझाएंगे मणिपुरी थौगोऊ जागोई और मराठी लावणी

शिल्पग्राम महोत्सव में दर्शकों को रिझाएंगे मणिपुरी थौगोऊ जागोई और मराठी लावणी

उदयपुर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के हवाला स्थित शिल्पग्राम में 21 से 30 दिसम्बर तक होने वाले शिल्पग्राम महोत्सव में इस बार मणिपुरी लोक नृत्य थोगोऊ जागोई और महाराष्ट्र का लोकनृत्य लावणी दर्शकों को रिझाएंगे।

केंद्र निदेशक फुरकान खान ने बताया कि मणिपुरी लोक नृत्य ‘थौगोऊ जागोई’ लोक देवता लाई हारोबा को रिझाने के लिए किया जाता है। कहते हैं, अगर हारोबा खुश हो गए तो समझो खुशहाली आ गई। इसमें डांसर्स कभी एक लाइन में, तो कभी गोला बनाकर हर बीट और धुन पर सुंदर संगत करते हुए देवता हारोबा से कामना के दिल को छू लेने वाली भाव-भंगिमाएं देते हैं। शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर 19 महिला-पुरुष लोकनर्तक यह लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे।

इसी तरह महाराष्ट्र के लावणी नृत्य की अपनी अलग पहचान है। लावणी नृत्य महाराष्ट्र की लोक नाट्य-शैली तमाशा का एक अभिन्न अंग है। ’लावणी’ शब्द ’लावण्यता’ यानी खूबसूरती या सुंदरता से बना है। कहते हैं, मराठी में ’लवण’ यानी नमक से यह नाम बना है। जैसे बिना नमक का खाना, वैसे बिना लावणी के नृत्य। इस नृत्य की खूबियां यूं तो बहुत हैं। इसमें नृत्यांगनाएं नाै मीटर की साड़ी पहनती हैं।

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(Udaipur Kiran) / सुनीता

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